गेंहू की MSP कीमतों में बढ़ोतरी से किसानों की हुई मौज, इतने रूपए मिल रहे है भाव
हरियाणा :- हरियाणा के गुरुग्राम जिले में 1 अप्रैल 2025 से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. सरकार ने इस बार किसानों को राहत देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. खुले बाजार में जहां फसल आते ही गेहूं के भाव गिरते जा रहे हैं. वहीं सरकारी रेट पर बेचने के लिए किसानों का रुझान मंडियों की तरफ बढ़ रहा है.

गुरुग्राम जिले में किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पांच मंडियों को गेहूं खरीद केंद्र के रूप में तय किया है. ये मंडियां हैं:
- पटौदी
- फरुखनगर
- सोहना
- गुरुग्राम
- खोड़
हालांकि गुरुग्राम मंडी में अनाज की आवक नहीं होती. यहां केवल सब्जी की बिक्री होती है. वहीं खोड़ मंडी, पटौदी जाटोली मंडी का ही खरीद केंद्र है. जिले में इस बार 18 से 19 लाख क्विंटल गेहूं की पैदावार का अनुमान है. “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर अब तक 46,600 एकड़ भूमि का पंजीकरण हो चुका है. जबकि 91,000 एकड़ में गेहूं की बिजाई की गई है. इस बार सरकार को पिछले वर्ष से ज्यादा फसल की आवक की उम्मीद है क्योंकि किसान समर्थन मूल्य पर फसल बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
विनय यादव जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुताबिक 2024 में 4.70 लाख क्विंटल गेहूं की आवक दर्ज की गई थी, जो कि 2023 के मुकाबले 47% अधिक थी.
मंडीवार आवक के आंकड़े इस प्रकार हैं:
मंडी | 2024 में आवक (क्विंटल) | 2023 में आवक (क्विंटल) |
---|---|---|
फरुखनगर | 1,17,606 | 87,059 |
पटौदी | 3,29,014 | 2,16,965 |
सोहना | 37,914 | 24,821 |
इससे साफ है कि हर साल किसानों का भरोसा सरकारी खरीद प्रणाली पर बढ़ता जा रहा है.
गेहूं के साथ-साथ सरसों की खरीदारी भी जोरों पर है. 15 मार्च से शुरू हुई सरकारी सरसों खरीद में अब तक 1.21 लाख क्विंटल सरसों की खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है.
मंडी | सरकारी खरीद (क्विंटल) | प्राइवेट खरीद (क्विंटल) |
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फरुखनगर | 14,307 | 5,697 |
पटौदी | 76,601 | 32 |
सोहना | 18,221 | 6,261 |
कुल | 1,09,130 | 11,990 |
किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में साफ-सफाई, पीने के पानी, हाई मास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट और हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है. विनय यादव ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को ठीक से सुखाकर और छांटकर ही मंडी में लाएं. ताकि खरीद एजेंसियों को गुणवत्ता जांच में कोई परेशानी न हो और उन्हें समय पर भुगतान मिल सके.
सरकारी एजेंसियों द्वारा इस बार गेहूं की खरीद को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाया गया है. ऑनलाइन टोकन सिस्टम और पोर्टल आधारित रिकॉर्डिंग से किसानों को लंबी लाइन में लगने की परेशानी नहीं होगी. सरकार का कहना है कि जैसे ही किसान की फसल की तौल पूरी होगी. उसका भुगतान निर्धारित समय सीमा में सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा.
सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2,425 रुपये करने और 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने से किसानों को निजी व्यापारियों की मनमानी कीमतों से छुटकारा मिलेगा. अब खुले बाजार में गिरते दामों के बीच किसान सरकारी रेट पर मंडियों में बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं. इससे निजी व्यापारियों को भी अपने रेट सुधारने की मजबूरी हो सकती है.