सरसो में नई बीमारी से किसानों में मचा हड़कंप, खराब हो सकती है सरसों की सारी फसल
भिवानी :-एक तरफ जहां पारा एकदम 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चढ़ गया, वहीं दूसरी तरफ आसमान में बादल भी छा गए. इस वजह से सरसों की पछेती फसल में धोलिया रोग की जकड़न बढ़ने लगी है. बता दें कि पारा ज्यादा होने की वजह से पछेती सरसों की फसल में फलियों की जगह एक सफेद ठूट सा बन गया है. पौधों पर लगे हुए फूल भी खराब होने लगे हैं. लगातार बढ़ती गर्मी की वजह से सरसों की फसल में यह रोग पैदा हुआ है. यदि रोग बढ़ने की गति इसी प्रकार ही बनी रही, तो किसानो को अवश्य ही सरसों की फसल से हाथ धोना पड़ सकता है.
इस बीमारी ने बढ़ाई किसानों की चिंता
किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है. फरवरी महीने के पहले सप्ताह बीतने के बाद से अचानक पारा एकदम ऊपर बढ़ने लगा, फिलहाल पारा 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच है. ज्यादा पारा होने की वजह से फसलों में सिंचाई की भी ज्यादा आवश्यकता पड़ रही है. जिसकी वजह से सरसों की फसलों को भी नुकसान हो रहा है, जिन सरसों की फसल में फूल बाकी है उन फसलों में ज्यादा गर्मी का असर दिखाई दे रहा है. जिन फसलों में फूल था, अब फूल की जगह सफेद रंग का ठूठ बनना शुरू हो गया है. कई पौधों में जलेबियारोग भी बन गया है. पूरी सरसों की टहनिया जलेबी की तरह गोल सी हो गई है.
समय पर इलाज न होने पर पूरी सरसों की फसल हो जाएगी बर्बाद
ज्यादा तापमान होने के बाद सरसों के पौधों में चेपा या धोलिया रोग आ जाता है. अगर इस रोग का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो समय के साथ-साथ टहनी बढ़ने की बजाय गोल हो जाएगी. इस वजह से उसका सारा फूल गिर जाता है और नई फलिया नहीं लगती है. जलेबिया रोग बनने के बाद उस कोई भी फली नहीं उगती. यदि इसका कोई रोकथाम ना किया जाए, तो यह बीमारी आगे बढ़ती रहती है. यह बीमारी सबसे ज्यादा पिछेती सरसों की फसलों में ही होती है.