Fatehabad News: धूप न निकलने से सरसों की फसल में हुई ये बीमारी, किसान भाई इस बात का करे विशेष ध्यान
फतेहाबाद, Fatehabad News :- जैसा कि आपको पता है कि प्रदेश में पिछले 1 महीने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. अब इस ठंड का असर फसलों पर भी दिखाई देने लगा है. ठंड का सबसे ज्यादा प्रभाव सरसों की फसल पर दिखाई दे रहा है, इस समय अनेक जगह पर सरसों की फसलों में सफेद रतुआ की बीमारी देखी जा रही है. बता दे कि यह सरसों में फंगस की वजह से होने वाली बीमारी है, इसके लक्षण आरंभ में पत्तों पर दिखाई दे जाते हैं. आपको पत्तों के निचले भाग में सफेद धब्बे दिखाई देंगे.इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर आपको समय रहते ही उनके उपचार के लिए सजग हो जाना चाहिए, नहीं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
धूप ना निकलने की वजह से फसलों में पैदा हो रही है यह बीमारी
लगातार धुंध और कोहरे की वजह से पौधों को पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी नहीं मिल पा रही है, जिस वजह से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया भी बाधित हो रही है. ऐसे में फसले बीमारियों की चपेट में आ रही है. फफूंद जनित बीमारियों के आक्रमण की संभावनाएं भी इस समय काफी बढ़ जाती है, इसमें पौधों की पतियों और तनों पर सफेद या पीले रंग के किल सी नजर आती है जो पत्तों से शुरू होकर तने तक फैल जाती है.इस वजह से पत्ते और तने दोनों ही अलग ही आकर के हो जाते हैं.इस वजह से फसलों के उत्पादन में भी कमी दर्ज की जाती है.
सभी किसान इन बातों का अवश्य रखें ध्यान
हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अधिकतर यह बीमारी पछैती बोई गई फसलों में होती है. अगेती बिजाई गई फसलों में इसका प्रभाव काफी कम दिखाई दे रहा है. कृषि विकास अधिकारी डॉक्टर अंकित ढिल्लों की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि सफेद रतुआ के नियंत्रण के लिए 600 ग्राम मैनकोजेब (डाइथेन या एंडोफिल एम-45) को 250-300 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतर पर 3-4 बार छिड़काव करना चाहिए.