Fatehabad News: हरियाणा के इस गांव में मिलीं हजारों साल पुरानी आग की भट्टियां, खुदाई में बड़े रहस्य खुलने का अनुमान
फतेहाबाद, Fatehabad News :- हरियाणा में हड़प्पा सभ्यता से जुड़े का स्थल मौजूद है. हड़प्पा सभ्यता के कई अवशेष हरियाणा के विभिन्न जिलों से मिले हैं. आज भी यहां पर खुदाई की जाती है. इसी बीच हरियाणा के फतेहाबाद के भूना खंड के गांव कुनाल में मिली ऐतिहासिक हड़प्पाकालीन साइट पर आठवीं बार खुदाई का काम शुरू किया गया है. कल खुदाई का 11 वां दिन था और यहाँ तीन महीने तक लगातार खुदाई होगी. यहां पर एक बार हड़प्पा सभ्यता की उन परतों को निकाला जाएगा, जो अभी दुनिया के सामने नहीं आई हैं.
साइट पर फिर से कुरैदा जा रहा है इतिहास
जैसा कि आप जानते हैं कुणाल में हडप्पा काल का दौर 6 हजार साल पहले शुरू हुआ था. यह साइट इसलिए भी जरूरी है कि जब यह सभ्यता पनपी थी तो उसी समय इसके साथ मैसोपोटिमिया, मिस्त्र व चीन में भी सभ्याताओं का जन्म हुआ था. अब इस साइट पर फिर से इतिहास कुरेदा जा रहा है. फिलहाल, खुदाई से यहां पर प्री-हड़प्पा सभ्यता की आग की भट्टियां प्राप्त हुई हैं. पुरातत्व विशेषज्ञों के मुताबिक यहां पर इस सभ्यता के लोग पर्शियन देशों के साथ व्यवसाय करते थे. वहां से कच्चा माल यहां पर लाया जाता था और भट्टियों के जरिये मनके और मिट्टी के बर्तन तैयार करके इन्हें अफगानिस्तान और ब्लूचिस्तान भेजा जाता था.
मिले है कई अवशेष
कुनाल में सरस्वती नदी के किनारे यह शहर बसा था. आज भी यहां पर हड़प्पा काल के अनेक अवशेष मौजूद हैं, जो उस समय की आधुनिक सभ्यता का परिचय देते है. यहां पर लोग गड्ढ़ा खोदकर रहते थे. साथ ही अपने घरों के चारों ओर बांस लगाकर पोस्ट होल भी निर्मित करते थे. यह लोग शाकाहार के साथ मांसाहार का इस्तेमाल भी करते थे. यहां पर कई बड़े पशुओं के अवशेष मिले हैं, जिससे पता चलता है कि कुनबा बढ़ने के बाद उन्होंने बड़े पशुओं को आग में पकाकर उनका सेवन किया था. पहले की खुदाई में यहां पर शिकार के लिए तीरों के ब्लेड, बाट, मनकों को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने के लिए प्रयोग होने वाले पत्थर भी प्राप्त हुए हैं.
तीन महीने तक चलेगी खुदाई
साथ ही यहां पर चांदी का मुकुट व सोने के आभूषणों के साथ-साथ सील व टेरोकोटा के अवशेष भी मिले हैं.डॉ. बुनानी भट्टाचार्य, उपनिदेशक, पुरातत्व विभाग हरियाणा ने बताया कि कूनाल अपने आप में काफी ऐतिहासिक है. प्री हड़प्पा व हड़प्पा काल के कई सबूत यहाँ से मिले हैं. यहां के लोगों के रहन सहन के बारे में अभी और जानकारी लेनी शेष है. इसके लिए यहां पर खुदाई का कार्य शुरू कर दिया गया है तीन महीने तक यहां पर खुदाई का काम होगा.