रोहतक PGI में लगी चार करोड़ की मशीन, अब बिना चीर- फाड़ के होगा गुर्दे की पथरी ऑपरेशन- सिर्फ दो घंटे बाद घर जा सकेगा मरीज
रोहतक :- पथरी का दर्द असहनीय होता है. कई लोगों को गुर्दे में पथरी होती है तो कई लोगों को पित्त की थैली में. ऐसे में पथरी का ऑपरेशन कराते वक्त भी लोग कतराते हैं. फिलहाल गुर्दे में पथरी (Kidney Stone) वाले मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है. पथरी के ऑपरेशन के लिए जो लंबी चीरफाड़ वाली प्रक्रिया की जाती है अब उस से मरीजों को छुटकारा मिलेगा.
बिना बेहोशी और चीर फाड़ के होगा इलाज
अब इन मरीजों का बिना बेहोशी और चीरफाड़ किए ही इलाज दिया जाएगा. ज़ी हाँ, इसके लिए सरकार की तरफ से हरियाणा के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) को एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL) मशीन मुहैया करवाई गई है. बताया जा रहा है कि इस मशीन की कीमत लगभग चार करोड़ रुपये है. डॉक्टरों के अनुसार गुर्दे की पथरी एक गंभीर समस्या है. लगातार इस प्रकार के Cases में बढ़ोतरी हो रही है.
ऑपरेशन के 2 घंटे बाद घर जा पाएगा मरीज
PGIMS के यूरोलॉजी विभाग में हर महीने करीबन 150 केस आते हैं. अब इस Machine के जरिए मरीजों का इलाज आसानी से हो पाएगा. यह मशीन 45 से 60 मिनट में Operation कर डेढ़ सेंटीमीटर तक की पथरी तोड़ने की क्षमता रखती है. मशीन पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देगी और यह टुकड़े यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाएंगे. इससे मरीज भी ज्यादा परेशान नहीं होगा और ऑपरेशन के दो घंटे बाद ही अपने घर जा पाएगा. PGIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुंदन मित्त ने बताया कि मरीजों को अच्छा उपचार उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है. इसी कड़ी में पीजीआईएमएस में नई मशीन पहुंचाई गई है. यह चार करोड़ रुपये की लागत वाली मशीन आसानी से गुर्दे की पथरी का इलाज करेगी.
इलाज के दौरान इस्तेमाल होती है ध्वनि तरंगे
नई तकनीक में मरीज को बेसुध किए बिना तथा बिना किसी चीज फाड़ के इलाज किया जाएगा. यदि इस मशीन की कार्यप्रणाली की बात की जाए तो पथरी के इलाज के लिए यह एक अत्याधुनिक तकनीक है. इसके तहत मशीन Shock Waves का इस्तेमाल करती है. सर्जन शरीर के बाहर से ही पथरी पर ध्वनि तरंगों को लक्षित करने के लिए लिथोट्रिप्टर मशीन का Use करते है. ध्वनि तरंगें पथरी के छोटे- छोटे टुकड़े कर देती है. ध्वनि तरंगें सिर्फ पथरी पर ही Effect करती है. ये मांसपेशियों, हड्डी या त्वचा को कोई हानि नहीं पहुंचाती है.