नई दिल्ली, Gehu Price News :- गेहूं का भाव इस साल किसानों के लिए सौगात लाया है. केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2400 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2700 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त, कुछ राज्य सरकारों ने भी गेहूं के भाव में वृद्धि की है. गेहूं का भाव बढ़ने का कारण यह है कि इस बार गेहूं की फसल का उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है.
भाव बढ़नें से मिलेगा फायदा
मौसम के अनुकूल न होने, बारिश की कमी और फसल के लिए आवश्यक खाद और उर्वरक की कमी की वजह से गेहूं की फसल की पैदावार कम हो सकती है. इसके अलावा गेहूं की फसल को कीटों और बीमारियों की भी समस्या होती है, इसलिए, गेहूं की फसल की मांग उत्पादन से ज्यादा होने की स्थिति में गेहूं का भाव बढ़ सकता है. गेहूं का भाव बढ़ने से किसानों को लाभ मिलेगा. किसानों को अपनी फसल को MSP से ज्यादा दाम में बेचने का मौका मिलेगा. इससे किसानों की Income बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी.
फ़सल का बढ़ेगा निर्यात
गेहूं का भाव बढ़ने से किसान अपनी फसल की गुणवत्ता पर ध्यान दें पाएंगे. गेहूं का भाव बढ़ने से न सिर्फ किसानों को बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा. गेहूं का भाव बढ़ने से गेहूं की फसल का निर्यात भी बढ़ेगा. इससे देश की विदेशी मुद्रा की कमी को कम किया जाएगा. गेहूं का भाव बढ़ने से गेहूं की फसल का इस्तेमाल भी बढ़ सकता है. इससे गेहूं की फसल से बनने वाले Products की मांग भी ज्यादा होगी.
बनाएं रखनें होंगे मानक
इससे गेहूं का भाव बढ़ने से कुछ चुनौतियां भी देखने कों मिल सकती है. गेहूं का भाव बढ़ने से गेहूं की फसल की खरीद की प्रक्रिया Late हो सकती है. इससे किसानों को अपनी फसल को रखरखाव करने में परेशानी हो सकती है. गेहूं का भाव बढ़ने से गेहूं की फसल की आपूर्ति कम हो सकती है. इससे गेहूं की फसल की Demand और भाव में असंतुलन पैदा हो सकता है. इससे गेहूं की फसल की गुणवत्ता के Standards को बनाए रखना होगा.