Mandi Price: गेहूं और चीनी की कीमतों में 13% की गिरावट, जाने मंडी के ताजा भाव
नई दिल्ली :- समय के साथ- साथ महंगाई बढ़ती ही जा रही है, जिसका सीधा प्रभाव आमजन पर पड़ रहा है. आज कोई भी वस्तु महंगाई से अछूती नहीं रही है, यहां तक की खाद्य सामग्रियां में इसके प्रभाव से अछूती नहीं रह पाई. महंगाई ने आम नागरिकों के लिए मुसीबतें बढ़ा दी है. आम नागरिक चाहकर भी महंगाई की मार से बच नहीं पा रहा. इसी बीच ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर आई. होली के अवसर पर चीनी और गेहूं से बने उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण इनकी कीमतों में हल्की- फुल्की गिरावट देखने को मिली.
आम नागरिकों के लिए आई राहत भरी खबर
जानकारी के लिए बता दें कि इस वर्ष की शुरुआत से ही Wheat की कीमतो में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी. वही होली के अवसर पर गेहूं से बने उत्पादों में 10 से 13 फ़ीसदी तक गिरावट दर्ज की गई. फिलहाल गेहूं 30 रुपये प्रति किलो और चीनी 41 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजारों में बिक रही है. वही होली से पहले गेहूं के आटे की कीमत 40 से 45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने महंगाई पर रोक लगाने के लिए खुले बाजारों में गेहूं बेचना पड़ा. वही FCI करीब लाखो टन गेहूं नीलामी के माध्यम से बेच चुका है.
गेहूं के आटे में आई भारी गिरावट
FCI द्वारा खुले बाजारों में की गई नीलामी के कारण भी कीमतों में थोड़ी बहुत राहत देखने को मिली हैं. इस समय गेहूं का आटा 32 से 35 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जबकि होली से पहले यह 40 से 45 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था. देखा जाए तो होली के बाद से गेहूं के कीमतों में 8 से 10 रुपये तक की गिरावट आई है. फिलहाल FCI खुली बाजारों में 5वीं नीलामी में 28.86 लाख टन गेहूं बेचा जा चुका है और 6वीं नीलामी 15 March से शुरू होगी.
5वीं नीलामी तक आई कीमतों में भारी कमी
जानकारी के लिए बता दें कि 1 April से मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की जाएगी. गेहूं की पहली ई- नीलामी के अंतर्गत 2,474 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 9.13 लाख टन गेहूं बेचा गया था. जबकि दूसरी नीलामी में FCI ने 2,338 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 3.83 लाख टन गेहूं बेचा था. वहीं तीसरी नीलामी में 2,173 प्रति प्रति क्विंटल की दर से 5.7 लाख टन गेहूं और 5वी नीलामी में 2193.83 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 5.4 लाख टन गेहूं बेचा गया. इस तरह यदि गौर से देखा जाए तो पहली नीलामी से लेकर 5वीं नीलामी तक गेहूं की कीमतों में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है.