Haryana Bio Plant: हरियाणा में आम जनता की बल्ले- बल्ले, अब हरियाणा सरकार फ्री में देगी रसोई गैस
करनाल, Haryana Bio Plant :- बढ़ती महंगाई के दौर में हरियाणा के लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. हरियाणा के हर जिले में सामुदायिक बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं. इन प्लांटों की वजह से गांव के लोगों को Free में गैस उपलब्ध करवाई जाएगी. बता दे कि इसके लिए लोगों को पशुओं का गोबर और गीला कचरा उपलब्ध करवाना होगा. निर्धारित मात्रा से ज्यादा गोबर उपलब्ध करवाने वाले पशुपालकों को प्रशासन की तरफ से राशि की अदायगी भी की जाएगी.
यहां बनाया जा रहा है पहला सामुदायिक बायो प्लांट
प्रदेश के 22 जिलों में बायोगैस प्लांट बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इस पर काफी जोरों शोरों से कार्य किया जा रहा है. करनाल के घरौंडा में पहला सामुदायिक बायोप्लांट बनाया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि आने वाले 3 महीनों में यह प्लांट बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. आज शहर से लेकर देहात तक गैस पर खाना बनाया जा रहा है, लकड़ी और अन्य ईंधन से खाना पकाना लगभग समाप्त हो चुका है.
इस योजना से आम जनता को मिलेगी काफी राहत
आज एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें भी 1100 रूपये को पार कर चुकी है. गैस की बढ़ती कीमतों की वजह से मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट भी बिगड़ गया है. ऐसे में प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से अनेक प्रकार की नई- नई योजनाओं पर काम किया जा रहा है. बायोगैस प्लांट भी इन योजनाओं में से एक है. इस योजना के प्रथम चरण में सभी 22 जिलों के 1 गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा.
92 लाख रूपये की लागत से तैयार किया जा रहा है बायोगैस प्लांट
प्लांट के लिए गांव के बाहर से ही गोबर और गीला कचरा भी इकट्ठा किया जाएगा. जिससे प्लांट में गैस का उत्पादन किया जा सके. करनाल के असंध ब्लाक के हसनपुर गांव में पहला बायो गैस प्लांट बनाया जा रहा है. इस प्लांट पर तकरीबन 92 लाख रूपये की लागत आएगी. पहले चरण में हसनपुर में बायोगैस प्लांट बनाया जा रहा है, इसे गांव के 120 घरों में गैस की सप्लाई की जाएगी. गोबर और गीले कचरे की मात्रा बढ़ने पर पूरे गांव को गैस सप्लाई की योजना है.
एक समय में 100 घरों में चूल्हा जलाया जा सकेगा
हसनपुर में बनने वाले बायोगैस प्लांट में 400 क्यूबिक फिट गैस का उत्पादन किया जाएगा. जिससे एक समय में सौ घरों में चूल्हा जलाया जा सकता है. बायोगैस प्लांट के लिए उपयोग से अधिक गोबर उपलब्ध करवाने वाले किसानों और पशुपालकों को प्रशासन की ओर से उचित राशि का भुगतान भी किया जाएगा. इसके विपरीत गोबर उपलब्ध ना करवाने वाले पशुपालकों से निर्धारित राशि भी ली जाएगी.