हरियाणा की नेत्रहीन बेटी ने नामुमकिन को किया मुमकिन, बोर्ड रिजल्ट में प्राप्त किया दूसरा स्थान
चंडीगढ़ :- हौसले और हिम्मत से जुड़ी इस फिल्मी गीत की पंक्तियाँ “एक अंधेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे, सबसे बड़ी सौगात है जीवन, नादान है जो जीवन से हारे”. इन पंक्तियों को साकार कर दिखाने का दम हर किसी में नहीं मिलता. ऐसा जज्बा और हौसला तो किसी जुनून वाले में ही होता है. मगर ये सच है कि ऐसा ही हौसला और जुनून हरियाणा नेत्रहीन की एक बेटी यमुनानगर में कशिश नाम की छात्रा में पाया गया है जिसने अभी 12 वीं बोर्ड के नतीजों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. कशिश ने Arts Stream से 94.2% अंक हासिल किए हैं.
60% आंखों की रोशनी न होने के बावजूद कर दिखाया नामुमकिन काम मुमकिन
यमुनानगर की यह मेधावी छात्रा इंडियन ब्लाइंड इंस्टीट्यूट, चंडीगढ़ में पढ़ती है. इस होनहार बच्ची की 60% आंखों की रोशनी नही है. स्कीन कलर से ग्रसित होने के बावजूद भी इस बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और आज सबके लिए रोल मॉडल बन गई. कशिश ने उन लोगों को भी सीख दी है जो दिव्यांग होने पर खुद को जिंदगी में हारे हुए समझते है. उन्होंने ये साबित कर दिखाया है कि अगर होंसला बुलंद हो तो इंसान कोई भी जीत हासिल कर सकता है. कशिश बेटी के Result की खुशी में परिवार फूला नहीं समा रहा.
बेटी कशिश ने सरकार से किया यह निवेदन
कशिश ने बताया कि उसके इस मुकाम पर पहुंचने के पीछे उनके परिवार और टीचर्स का बहुत बड़ा हाथ है. उनके Support से वो यहां इस मुकाम पर पहुंच पाई है. इस बेटी ने सरकार से निवेदन किया है कि दिव्यांग बच्चों के लिए हर स्कूल में सीट होनी चाहिए जिससे उन्हें पढ़ाई पूरी करने के लिए कहीं दूर न जाना पड़े. क्योंकि कशिश को भी इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था लेकिन वो खुश है क्यूंकि उसकी मेहनत का फल उसे मिल गया है. कशिश की इस शानदार सफलता पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने फोन पर बधाई दी और उसके उज्जवल भविष्य की कामना भी की.
कशिश ने अपने परिवार का नाम किया रोशन, दादा हुए भावुक
कशिश की मां ने बताया कि उसकी बेटी की इस सफलता ने उसका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. उन्होंने कहा कि एक मां के लिए इससे ज्यादा फक्र की बात और क्या हो सकती है. उन्हे जितनी उम्मीद थी उससे ज्यादा उनकी बेटी ने कर दिखाया है. कशिश के दादा का भी यही कहना है कि उनकी पोती ने उनका नाम रोशन कर दिया है. वो भावुक हो उठे और बोले कि आज उनका भाई अगर जिंदा होता तो वो भी ये देखकर बहुत खुश होता.