Haryana Drip Irrigation Scheme: हरियाणा सरकार किसानों को देगी 25000 रूपये प्रति एकड़, खेतों में लगवा सकेंगे ये चीज
फरीदाबाद, Haryana Drip Irrigation Scheme :- दिन प्रतिदिन गिर रहे भूजल स्तर के कारण किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. भूजल स्तर गिरने से फसलों को समय पर पानी नहीं मिल पा रहा जिस वजह से फसलो के उत्पादन में कमी आ गई है. प्रदेश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जिनमें पानी की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. Water की किल्ल्त को समझते हुए किसान अब खेती के पारंपरिक तरीकों को छोड़कर आधुनिक तरीकों को अपना रहे हैं. जिस वजह से किसानो को खेती में थोड़ी बहुत राहत अवश्य मिली है.
Drip सिंचाई से होती है पानी की बचत
आधुनिक खेती की विभिन्न तकनीकों में से एक महत्वपूर्ण तकनीक Drip प्रणाली की है. इस प्रणाली के द्वारा न केवल पानी की बचत होती है बल्कि पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है. Drip सिंचाई प्रणाली को ही ‘टपक सिंचाई या बूंद बूंद सिंचाई’ भी कहा जाता है. इस Technic के माध्यम से पानी बूंद बूंद करके पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. जिससे पानी Waste नहीं होता और पौधों को भी नमी मिलती रहती है. इस प्रणाली में पाइप ट्यूबिंग के माध्यम से पानी का छिड़काव किया जाता है.
मात्र आधे घंटे में सींचा जा सकता है 1 एकड़ जमीन को
वही हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अधिकतर किसान ड्रिप या बूंद- बूंद तकनीक का प्रयोग कर अपने खेतों को सीच रही हैं. ड्रिप प्रणाली का प्रयोग कर जिले के किसान Time, पानी और बिजली तीनों की बचत तो कर ही रहे हैं साथ में बेहतर फसल उत्पाद भी ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि 1 एकड़ खेती में पानी देने के लिए कम से कम 4 से 5 घंटे का समय लगता है जबकि ड्रिप प्रणाली के माध्यम से केवल आधे घंटे में 1 एकड़ जमीन को आसानी से सींचा जा सकता है.
हरियाणा सरकार दे रही सब्सिडी
हरियाणा सरकार किसानों को खेती की आधुनिक तकनीके अपनाने के लिए समय- समय पर जागरूक कर रही है. Drip सिंचाई प्रणाली का प्रयोग कर रहे किसानों को हरियाणा सरकार सब्सिडी के रूप में 25000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से दे रहे हैं. इतना ही नहीं सरकार खेती के आधुनिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा वर्कशॉप भी लगाई जा रही हैं.