हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला ,फर्जी BPL कार्डधारियों पर होगी कानूनी कार्रवाई
चंडीगढ़ :- हरियाणा में फर्जी बीपीएल राशन कार्ड धारकों के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राशन डिपो और राज्य पर बढ़ते वित्तीय बोझ को देखते हुए अब फर्जी लाभार्थियों को बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा। खाद्य आपूर्ति विभाग के अधीक्षक अश्विनी कुमार ने चेतावनी दी है कि जो लोग फर्जी तरीके से गरीब घोषित हुए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और गिरफ्तारी तक की जा सकती है।
मासिक खर्च पर बड़ा असर:
हरियाणा में अंत्योदय अन्न योजना और बीपीएल राशन कार्ड योजना के तहत लगभग 51.7 लाख परिवारों को खाद्य सामग्री दी जाती है। इस पर सरकार का खर्च हर महीने 241 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। 119 करोड़ रुपये बाजरा और खाद्यान्न पर, 13 करोड़ रुपये चीनी पर, और 109 करोड़ रुपये सरसों के तेल पर खर्च हो रहे हैं। इस बढ़ते खर्च को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
राशन वितरण प्रणाली में सुधार:
राशन वितरण प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से लाभार्थियों को राशन की जानकारी भेजनी शुरू कर दी है। इससे डिपो पर भीड़ कम हुई है और राशन समय पर उपलब्ध हो रहा है।
बीपीएल राशन कार्ड के लिए शर्तें:
अगर बीपीएल परिवार के पास चौपहिया वाहन है, या उनका बिजली का बिल सालाना 20 हजार रुपये से अधिक है, तो उनका राशन कार्ड रद्द हो सकता है। इसके अलावा, अगर आय कम दिखा कर अधिक दिखाई गई है, तो भी कार्ड रद्द किया जा सकता है। बीपीएल कार्डधारी परिवारों की आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए, और आय की जानकारी परिवार पहचान पत्र में सत्यापित होनी चाहिए।
समय से पहले राशन वितरण:
खाद्य आपूर्ति विभाग ने अप्रैल 2025 का राशन एक माह पहले ही 1-2 मार्च को उपलब्ध करा दिया है। अब लाभार्थी पूरे एक महीने का समय लेकर अपना राशन उठा सकते हैं। हर महीने लगभग 52 लाख लाभार्थी करीब 9,000 राशन डिपो से राशन प्राप्त करते हैं।