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Haryana News: हरियाणा में जल्द होगी 24 हजार कच्चे कर्मचारियों की छुट्टी, CM नायब सरकार ने मांगी पूरी रिपोर्ट
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर पक्की भर्ती के बाद उन कच्चे कर्मचारियों की जानकारी मांगी है जिन्हें नए कर्मचारियों की ज्वाइनिंग के चलते हटाया गया है। आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत लगे पांच साल से कम अनुभव वाले इन कर्मचारियों को हटाने के बाद से ही कर्मचारी संगठन हमलावर हैं। नायब सरकार ने अब पूरी डिटेल मांगी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 24 हजार पदों पर पक्की भर्ती के बाद अब प्रदेश सरकार ने उन कच्चे कर्मचारियों की जानकारी मांगी है, जिन्हें नए कर्मचारियों की ज्वाइनिंग के चलते हटाया गया है। आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत लगे पांच साल से कम अनुभव वाले इन कर्मचारियों को हटाने के बाद से ही कर्मचारी संगठन हमलावर हैं।
मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों तथा सरकारी कंपनियों के प्रबंध निदेशक, मुख्य प्रशासक और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, मंडलायुक्त, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, उपायुक्तों और एसडीएम से पूछा है कि आउटसोर्सिंग नीति भाग-II के अंतर्गत विभागों तथा बोर्ड-निगमों में कार्यरत कितने संविदा कर्मचारियों को ग्रुप सी व डी के नए नियमित कर्मचारियों के शामिल होने के कारण सेवा से मुक्त किया गया है। इसका पदवार ब्योरा देना होगा।
देना होगा पदवार विवरण
साथ ही जानकारी मांगी है कि आउटसोर्सिंग नीति के भाग-II के अंतर्गत कार्यरत कितने संविदा कर्मचारी हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा सुरक्षा) अधिनियम-2024 के अंतर्गत आते हैं तथा कितने उक्त अध्यादेश के अंतर्गत नहीं आते हैं?
आउटसोर्सिंग नीति के भाग-II के तहत जिन पदों पर अनुबंधित कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयेाग या हरियाणा लोक सेवा आयोग को मांग भेजी गई है या नहीं? यदि हां तो इसका पदवार विवरण देना होगा। यदि किसी ऐसे पद पर भर्ती शुरू नहीं की है, जहां संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं तो इसकी जानकारी भी देनी होगी। प्रदेश सरकार ने कानून बनाकर पांच साल से अधिक पुराने सभी कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित कर दी हैं।
हाल ही में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों की भर्ती के बाद पांच साल से कम नौकरी वाले कच्चे कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। सरकार ने इन कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।