Haryana News: हरियाणा सरकार के इस फैसले से जमीन वालों की हुई बल्ले- बल्ले , अब रॉकेट की रफ्तार से बढ़ेंगे जमीनों के रेट
चंडीगढ़ :- हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है, हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस बड़े फैसले से हरियाणा में जमीनों को दाम बिल्कुल बढ़ जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार ने राज्य में विभिन्न संभावित रियल एस्टेट इलाकों के एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्च को 2025 तक 20 फीसदी और 2026 से हर साल 10 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जानकारी के मुताबिक, हरियाणा सरकार के इस फैसले से Real Estate डेवलपमेंट की कॉस्ट बढ़ने की संभावना है, जिससे खरीदारों के लिए प्रॉपर्टी महंगी हो सकती हैं। वहीं दूसरी ओर इस ज्यादा EDC कलेक्शन से हरियाणा के में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को फंड में मदद मिलेगी और डेवलपमेंट में बड़ा फायदा मिल सकता है। Haryana Property Prices Hike
सरकार का बड़ा फैसला
सरकार द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट ने 1 जनवरी, 2025 से 20 फीसदी की एकमुश्त वृद्धि को मंजूरी दी। उसके बाद हर साल 1 जनवरी से 10 फीसदी इजाफे पर मुहर लगाई है। EDC एक प्रोजेक्ट की बाउंड्री के बाहर सड़क, नालियां, बिजली के बुनियादी ढांचे, पानी और सीवेज लाइनों जैसी बाहरी बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए Real Estate डेवलपर्स से कलेक्ट किया गया शुल्क है। Haryana Property Prices हिके जानकारी के मुताबिक, EDC की कैलकुलेशन टाउन और कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (डीटीसीपी) द्वारा एरिया-वाइज की जाती है, जो किसी विशेष हाउसिंग, कमर्शियल, इंडस्ट्रीयल या मिक्स्ड-यूज्ड वाले इलाके की वृद्धि की संभावना पर निर्भर करता है। दरों को आखिरी बार 2015 में रिवाइज्ड किया गया था।
बढ़ेगा बोझ
मिली जानकारी के अनुसार, नारेडको (नेशनल Real Estate डेवलपमेंट काउंसिल), हरियाणा के अध्यक्ष परवीन जैन ने कहा कि 10 फीसदी सालाना EDC वृद्धि से पूरे राज्य और विशेष रूप से गुरुग्राम में डेवलपर्स और एंड यूजर्स पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा। Haryana Property Prices Hike उन्होंने कहा कि 2015-2016 के आसपास, डेवलपर्स ने लाइसेंस लेना लगभग बंद कर दिया था क्योंकि EDC दरें बहुत अधिक थीं जिसके बाद सरकार ने इसे धीमा कर दिया और शुल्क नहीं बढ़ाया। जानकारी के मुताबिक, 10 फीसदी वृद्धि अव्यावहारिक होगी, और सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, शहर में सड़कों सहित मौजूदा बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया गया है, जबकि डेवलपर और घर खरीदारों ने EDC में हजारों करोड़ रुपए का भुगतान किया है। Haryana Property Prices Hike
आ सकती है मंदी
मिली जानकारी के अनुसार, गुरुग्राम स्थित Real Estate विशेषज्ञ विनोद बहल मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि EDC दरें बढ़ने से Real Estate इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित होगा क्योंकि दरें पहले से ही ऊंची हैं और रियल्टी मार्केट में सामर्थ्य कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में सर्कल रेट में वृद्धि की थी और शहर में संपत्ति की कीमतें पहले ही आसमान पर पहुंच गई हैं। Haryana Property Prices Hike जानकारी के मुताबिक, उच्च ब्याज दर और संपत्तियों की हाई कॉस्ट की वजह से Real Estate मार्केट में 2025 में मंदी देखने को मिल सकती है।
नहीं हुआ इजाफा
विशेषज्ञों के मुताबिक, गुरुग्राम में किसी प्रोजेक्ट में EDC की मौजूदा लागत पूरी प्रोजेक्ट लागत का 7-8 फीसदी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा EDC दरें एक इंडेक्सेशन पॉलिसी पर आधारित थीं, जिसमें 2015 की EDC दरों को आधार माना गया था और पिछले आठ वर्षों में इनमें वृद्धि नहीं की गई थी। 2015 की इंडेक्सेशन पॉलिसी से पहले, EDC दरें हर साल बढ़ाई जाती थीं। Haryana Property Prices Hike मिली जानकारी के अनुसार, मामले से अवगत अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार ने 2018 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली से गुरुग्राम और रोहतक के लिए EDC दरें निर्धारित करने और फरीदाबाद, पंचकुला और हिसार के लिए आईआईटी-रुड़की से अनुरोध किया था। Haryana Property Prices Hike
जानकारी के मुताबिक, हालांकि, दोनों संस्थानों ने काम करने में असमर्थता व्यक्त की जिसके कारण इंडेक्सेशन पॉलिसी और पिछली EDC दरें आज तक जारी रहीं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य फैसले में, स्टेट कैबिनेट ने भविष्य में इंडेक्सेशन दरें निर्धारित करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, तो EDC रेट तिय करेगा। Haryana Property Prices Hike
इससे निम्न प्रभाव देखने को मिल सकते हैं
बिल्डर्स और डेवलपर्स यह अतिरिक्त लागत सीधे खरीदारों पर डाल सकते हैं, जिससे आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं की कीमतें बढ़ जाएंगी।
बढ़ती कीमतें इन वर्गों के लिए घर खरीदने को और मुश्किल बना सकती हैं।
ऊंची कीमतों के कारण मांग घट सकती है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उच्च कीमतें संभावित निवेशकों को हतोत्साहित कर सकती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विकास धीमा है।
हालांकि, सरकार इस कदम से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति देने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव खरीदारों और रियल एस्टेट उद्योग पर निर्भर करेगा।