चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार का कहना है कि हरियाणा की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा किसानों को ऋण देने का जो तरीका पहले से चलता आ रहा है, वही चलता रहेगा. ऋण देने के तरीके में किसी प्रकार का कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा. सरकार ने बताया कि अभी उन्होंने ऋण के बदले ब्याज लेने का कोई फैसला नहीं किया है, परंतु देश की कुछ समितियों में किसानों ने ऋण का पैसा ब्याज के साथ जमा करा दिया है. इन समितियों को हरियाणा सरकार ने आदेश दिया है कि वे किसानों से लिए गए ब्याज के पैसे को जल्द से जल्द उनके खातों में जमा करें.
सरकार नहीं लेगी ब्याज का पैसा
हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को डेढ़ लाख रुपए तक Interest Free Loan उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए सरकार किसानों से किसी प्रकार का कोई ब्याज नहीं लेती है. वर्तमान समय में हरियाणा में 771 सहकारी समितियां है जिनके माध्यम से प्रदेश के 12,00,000 किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है. प्रदेश की समितियां हर साल किसानों को लगभग 6000 करोड रुपए का Loan प्रदान करती है. इनमें से लगभग 6,00,000 किसान समय पर लेनदेन भी कर रहे हैं.
सरकार का सहकारी समितियों को आदेश
किसानो को दिए जाने वाले इस Loan पर हरियाणा सरकार ब्याज नहीं लेती है, परंतु इन समितियों के कुछ किसानों ने इस ऋण के साथ में ब्याज की राशि भी Bank में जमा करा दी है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने सभी सहकारी समितियों को पत्र के जरिए एक आदेश दिया है. अपने पत्र में उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से ब्याज लेने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अतः जिन किसानों ने ऋण तथा ब्याज की राशि जमा कराई है, उन किसानो की ब्याज की राशि उनके खातों में वापस कर दी जाए.