Haryana News: हरियाणा के राशन डिपो में सरसों तेल देने की तारीख बढ़ी, अब इस दिन तक ले सकेंगे BPL परिवार
पंचकूला, Haryana News :- हरियाणा के राशन डिपो से खाद्य तेल लेने की समय सीमा को विभाग ने बढ़ा दिया है. साल के अंत तक खाद्य तेल (सरसों तेल) लेने से वंचित रहे लाभार्थियों के पास अब अपने कोटे का तेल हासिल करने का यह आखिरी मौका है. खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा जारी आदेशों में लाभार्थियों को सरसों तेल देने की समय सीमा को बढ़ाकर 8 जनवरी 2025 तक कर दिया गया है. जबकि यह समय सीमा इससे पहले 31 दिसंबर 2024 तक ही थी.
नवंबर में झेलनी पड़ी परेशानी
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार प्रदेश के राशन डिपो संचालकों को सुगम व्यवस्था बनाने के आदेश जारी किए गए थे. प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने भी इस संबंध में निर्देश जारी किए थे. लेकिन गौरतलब है कि नवंबर 2024 में भी प्रदेश के कुछ जिलों में लाभार्थी खाद्य तेल से वंचित रह गए थे, जिन्हें 31 दिसंबर 2024 तक नवंबर और दिसंबर का सरसों तेल एकसाथ लेने का ही मौका दिया गया था.
खाद्य आपूर्ति मंत्री को मिली शिकायतें
खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने भी नवंबर 2024 में राशन डिपो से लाभार्थियों को सरसों तेल नहीं मिलने संबंधी शिकायतें की जानकारी होने की बात कही थी. बावजूद इसके दिसंबर 2024 में हालात एक जैसे ही रहे. कई जगहों पर तो राशन डिपो बंद तक मिले. नतीजतन नवंबर की तर्ज पर दिसंबर 2024 में भी लाभार्थियों को सरसों तेल नहीं मिलने के चलते समय सीमा को 8 जनवरी 2025 तक बढ़ाना पड़ा है.
मंत्री के सख्त निर्देश से भी राहत नहीं
मंत्री राजेश नागर ने राशन व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने देने का दावा किया था. उन्होंने किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा भी दिया था. उस दौरान कुछ जिलों के कई राशन डिपो से लाभार्थियों तक फोर्टिफाइड सरसों और सूरजमुखी तेल नहीं पहुंच पाया था. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पात्र लाभार्थियों के लिए व्यवस्था सुगम बनाने के निर्देश दिए थे. लेकिन लाभार्थियों को साल 2024 के अंतिम महीने में भी कोई राहत नहीं मिल सकी.
एनआईसी कर रहा व्यवस्था
प्रदेश में हैफेड और कनफेड को सभी राशन डिपो में भरपूर मात्रा में तेल भिजवाने के निर्देश जारी किए गए थे. खाद्य पूर्ति नियंत्रकों को सुगम व्यवस्था बनाने के निर्देश थे. जबकि राशन डिपो के संचालकों को लोगों से उक्त दोनों महीनों की बायोमेट्रिक लगवाने की प्रक्रिया में राहत के लिए एनआईसी को जिम्मेदारी सौंपी है.