Haryana News: अब फोरलेन बनेगा जींद- पानीपत रोड, जल्द शुरू होगी 6 हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई
जींद :- हरियाणा में सड़क नेटवर्क मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है. इसी कड़ी में जींद- पानीपत सड़क मार्ग को फोरलेन बनाने के बीच में आ रही सबसे बड़ी बाधा को दूर कर लिया गया है. बता दें कि जींद से सफीदों के बीच सड़क मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए 6 हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई होनी हैं. इससे होने वाले नुक़सान की भरपाई के लिए वन विभाग ने पौधारोपण के लिए जमीन उपलब्ध कराने की बात कही थी, जो अब जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है.
इन गांवों की जमीन पर होगा पौधारोपण
जिला प्रशासन ने वन विभाग को पौधारोपण के लिए जींद जिले के तीन गांवों बधाना, शामलो कलां और खरल में लगभग 41 एकड़ पंचायती जमीन उपलब्ध कराई है. इन तीनों गांवों की पंचायत से प्रस्ताव पारित करवाकर वन विभाग को भेज दिए गए हैं और अब वन विभाग से पेड़ काटने की एनओसी का इंतजार है.बता दें कि साल 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सफीदों रैली में जींद- पानीपत सड़क मार्ग को फोरलेन बनाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोक निर्माण विभाग ने जींद से सफीदों और सफीदों से पानीपत तक इस स्टेट हाईवे की चौड़ाई बढ़ाने और इसके दोबारा निर्माण को लेकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करवाई थी. इस योजना के तहत, जींद से सफीदों तक सड़क मार्ग की चौड़ाई 7 मीटर से बढ़कर 10 मीटर होने और सफीदों से पानीपत तक सड़क फोरलेन बनेगी. इस प्रोजेक्ट पर 180 करोड़ रूपए की लागत राशि खर्च होने का अनुमान जताया गया है.
वन विभाग से एनओसी का इंतजार
अभी तक इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पाया है, क्योंकि वन विभाग ने लगभग 6500 हरे पेड़ जींद जिले की सीमा में काटने के लिए एनओसी जारी नहीं की है. एनओसी के लिए वन विभाग की शर्त पौधारोपण के लिए बदले में जमीन देने की है. एक साल पहले राज्य सरकार ने फरीदाबाद में पौधारोपण के लिए वैकल्पिक जमीन उपलब्ध करवाई थी, लेकिन वन विभाग ने दूसरे जिले में जमीन लेने से इंकार कर दिया था. अब डीसी मोहम्मद रजा के प्रयासों से इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है.उन्होंने बताया कि वन विभाग को पौधारोपण के लिए वैकल्पिक जमीन उपलब्ध करवा दी है और अब वन विभाग से जींद- पानीपत सड़क मार्ग के किनारे खड़े 6 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने के लिए एनओसी का इंतजार है. एनओसी जारी होते ही पेड़ों की कटाई शुरू कर इस परियोजना को धरातल पर अमलीजामा पहनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.