Haryana News: जाते- जाते 4 लोगों को नई जिंदगी दे गई प्रीत, छोटी सी उम्र में ही लोगों के लिए बनी प्रेरणा
पंचकूला, Haryana News :- हरियाणा की बहादुर बेटी ने अपनी मौत के बाद भी चार मरीजों को नया जीवन दिया है. मरते मरते भी 18 साल की प्रीत 4 लोगों की मदद करके गई है. आपको बता दें कि जोगिंदर पाल सिंह और पिंकी रानी ने अपनी 18 वर्षीय लड़की प्रीत के ऑर्गन्स डोनेट कर दिए. हरियाणा के जींद की रहने वाली प्रीत 29 अप्रैल, 2024 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.
छोटी सी उम्र में ही बनी बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा
11 मई को उसे पंचकूला के अलकेमिस्ट अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित किया गया , उन्होंने अपने अंग दान करने का निर्णय लिया. छोटी सी उमर में ही प्रीत बहुत सारे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है. प्रीत के अंगों में लीवर को मैक्स अस्पताल साकेत, अग्याशय और एक किडनी को पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ भेजा गया, और एक किडनी अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकुला में एक गंभीर किडनी विफलता रोगी में Transplant की गई.
प्रत्यारोपण से बताई जा सकती है कीमती जिंदगियां
रविवार को अलकेमिस्ट हॉस्पिटल, पंचकुला और मैक्स हॉस्पिटल साकेत, नई दिल्ली के साथ-साथ पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. अल्केमिस्ट हॉस्पिटल, पंचकूला में किडनी ट्रांसप्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नीरज गोयल ने रोगियों के स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को बहाल करने में अंग प्रत्यारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया. अलकेमिस्ट अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. परमजीत सिंह मान ने अंग दान के बारे में जागरूकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रत्यारोपण के जरिये कई अमूल्य जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.
परिवार के इस फैसले पर जताया आभार
बदकिस्मति से, भारत प्रत्यारोपण के लिए अंगों की भारी कमी का सामना कर रहा है. स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. रणदीप सिंह पुनिया ने अंग दान के लिए प्रीत के पूरे परिवार की तारीफ की. सेक्टर 6 पंचकुला की सिविल सर्जन डॉ. मुक्ता ने परिवार के इस फैसले के लिए गहरा आभार व्यक्त किया.
बचाई गई जिंदगियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी बेटी की आत्मा
परिवार को अपनी बेटी के जाने का दुख तो है ही मगर परिवार को यह जानकर सांत्वना मिली कि उनकी बेटी की आत्मा उसके द्वारा बचाई गई जिंदगियों के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी. डीसीपी पंचकुला, हिमाद्रि कौशिक और पूरी हरियाणा पुलिस के Coordination से, अंग Time पर अपने गंतव्य तक पहुंच गए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि जीवन रक्षक प्रत्यारोपण सर्जरी बिना किसी देरी के आगे बढ़ पाए.