Haryana News Today: कैसे विकसित होंगे हरियाणा के गांव, 2624 पंचायत नहीं खर्च कर रही सरकारी पैसा
चंडीगढ़ :- Haryana में फरवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2022 तक पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति के कारण ग्रामीण विकास की गाड़ी चल ही नहीं पाई. इसके बाद राज्य में नवंबर 2022 में संस्थाओं के आम चुनाव करवाए गए. जब पंचायत राज संस्थाओं को अपने प्रतिनिधि मिल गए, उसके पश्चात गांव में काम करवाने के लिए सरकार के द्वारा पैसा जारी किया गया. परंतु इसी समय जनवरी में E – Tendering के विरोध में चौधरियों ने आंदोलन Start कर दिया.
कारण बताओं नोटिस जारी
E – Tendering के विरुद्ध आंदोलन किए जाने से जो पैसा 31 मार्च 2023 तक खर्च किया जाना था, वह खर्च नहीं किया गया. पैसा खर्च क्यों नहीं किया जा रहा, इस बारे में विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक ने 16 जिला परिषदों समेत 7 पंचायत समितियां तथा 2,624 पंचायत को पिछले सप्ताह कारण बताओं Notice जारी किया है. महानिदेशक ने पंचायती राज संस्थाओं के मुखियाओं से पूछा है कि State Finance Commission Scheme में जो 1,100 करोड रुपए जारी किया गया था, उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं भेजे गए हैं? जानकारी के लिए आपको बता दे कि पंचायत राज संस्थाओं के द्वारा पैसा खर्च करने के बाद सरकार को उसके Uses भेजे जाते हैं, ताकि पैसे की अगली किस्त जारी की जा सके.
60 पंचायत समितियां में 65 करोड़ खर्च नहीं किया
राज्य की 60 पंचायत समितियां ने 65 करोड रुपए खर्च नहीं किए हैं. इन पंचायत समितियां में अंबाला – 2, साहा, बहल, लोहारू, बाढडा, बौँद, चरखी दादरी, झोझु, तिगांव, भूना,गुरुग्राम पटौदी, सोहना, हांसी 2,नरनौद, बेरी, झज्जर, माछरौली, जींद, ढान्ड, गुहला, कैथल, पुंडरी, राजौंद, घरौंदा पार्ट, इंद्री, कुंजपुरा नीलोखेड़ी, लाडवा, पिपली, कनीना, नांगल चौधरी, सिहमा, हथीन, बरवाला, मोरनी, पिंजौर, रायपुर रानी, सनौली, खुर्द, धारूहेड़ा, रेवाड़ी, कलानौर, महम, रोहतक, सांपला, डबवाली, गन्नौर, गोहाना, कथुरा, मुरथल, सोनीपत, बिलासपुर, जगाधरी प्रताप नगर, रादौर और साढोरा पार्ट शामिल है. जानकारी के लिए आपको बता दे कि Haryana राज्य में कुल 6,220 ग्राम पंचायत है. इनमें से 2,624 में वित्तीय वर्ष 2022 – 23 का रुपया खर्च नहीं किया है.
इन पंचायत ने खर्च नहीं किया रुपया
- अंबाला की 247 पंचायत
- भिवानी की 174
- चरखी दादरी की 106
- फरीदाबाद की 24
- फतेहाबाद की 29
- गुरुग्राम की 137
- हिसार की 39
- झज्जर की 107
- जींद की 208
- कैथल की 59
- करनाल की 189
- कुरुक्षेत्र की 52
- महेंद्रगढ़ की 195
- नूँह की 52
- पलवल की 61
- पंचकूला की 30
- पानीपत की 52
- रेवाड़ी की 56
- रोहतक की 52
- सिरसा की 92
- सोनीपत की 274 और
- यमुनानगर की 165 पंचायत में पैसा खर्च नहीं किया है.
उपयोगिता प्रमाण पत्र आवश्यक
आपको बता दे कि जब भी Haryana सरकार किसी भी काम के लिए पंचायती राज संस्थाओं को पैसा जारी करती है तो उसे एक समय अंतराल में ही खर्च करना होता है. जब यह पैसा खर्च कर दिया जाता है तो उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार को भेजा जाता है. इसके बाद सरकार पैसे की अगली किस्त जारी करती है. सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अंतर्गत 14 दिसंबर को DPM की Meeting हुई थी, जिसमें गत वित्तीय वर्ष में जारी किए गए पैसों को लेकर पंचायत विभाग के जिला सत्र के अधिकारियों से महानिदेशक ने जवाब माँगा है. इसके पश्चात उन्होंने संबंधित 16 जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पंचायत समिति के कार्यकारी अधिकारी को एक पत्र भेजा है .