Haryana Sarso Mandi Bhav: हरियाणा में खुले में ज्यादा बिक रही है सरसों, जाने हरियाणा में आज क्या है सरसों के ताजा मंडी भाव
रेवाड़ी, Haryana Sarso Mandi Bhav: :- अप्रैल के शुरुआती दिनों में हरियाणा की सभी अनाज मंडी में गेहूं तथा सरसों की खरीद शुरू हो गई है. हरियाणा के रेवाड़ी जिले में मंगलवार को नई अनाज मंडी में 103991 क्विंटल सरसों और 41217 क्विंटल गेहूं बिक्री के लिए आज चुकी है. रेवाड़ी अनाज मंडी में एमएसपी पर सरसों की खरीद 5 गुना कम है वहीं अगर गेहूं की बात करें तो गेहूं की सरकारी खरीद 4 गुना ज्यादा है. आइए जानते हैं क्या है Wheat और सरसों का आज का भाव (Haryana Sarso Mandi Bhav:).
प्रशासन ने खरीद एजेंसी को दिए निर्देश
रेवाड़ी की अनाज मंडी में खरीदी हुई फसलों को बहुत ही धीमी गति से उठाया जा रहा है, जिसके कारण यहां पर अनाज मंडी के तीनों फड भर गए हैं और सरसों व गेहूं की ढेरियां व कट्टे Road पर आ गए हैं. प्रशासन ने सभी खरीद Agencies को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द खरीदी गई फसल को मंडी में से उठाया जाए, ताकि यहां के किसानों व आढ़तियों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े .
गेहूं और सरसों की हो रही है काफी तेजी से आवक
रेवाड़ी की अनाज मंडी में गेहूं और सरसों की आवक काफी तेजी से हो रही है. यहां की अनाज मंडी में अभी तक 32774 क्विंटल गेहूं की खरीद सरकार ने की है और बाकी 8443 क्विंटल गेहूं की खरीद प्राइवेट की गई है. अगर सरसों की बात करें तो यहां की सरसों में से 16479 क्विंटल सरसों सरकार द्वारा खरीदी गई है, जबकि 87512 क्विंटल सरसों प्राइवेट खरीदी गई है. सरसों का रेट 5450 प्रति क्विंटल है. वहीं गेहूं ₹2125 प्रति क्विंटल खरीदा गया है. जबकि खुले में सरसों 4250 से लेकर ₹5300 प्रति क्विंटल बिक रही है और गेहूं ₹2085 से लेकर ₹2125 तक बिक रहा है. यहां की ज्यादातर गेहूं की खरीद हैफेड व खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा की गई है, जबकि सरसों की खरीद हैफेड कर रही है. रेवाड़ी के पास कोसली शहर में 7051 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. बावल अनाज मंडी में 502 मीट्रिक टन और कोसली अनाज मंडी में 1800 मीट्रिक सरसों की खरीद हुई है.
निर्धारित समय में दी जाएगी किसानों को पेमेंट
देसी मोहम्मद इमरान राज ने खरीद एजेंसियों को खरीदी गई फसल को जल्द से जल्द मंडी में से उठाने के निर्देश दिए हैं. डीसी रजा का कहना है कि अनाज मंडी में किसानों को कोई भी परेशानी नहीं होनी चाहिए. खरीद एजेंसियां निर्धारित किए गए समय के अंदर किसानों की फसल का पूरा Payment कर दें.