Haryana Scheme: हरियाणा में अब इन किसानों को मिलेंगे 1000 रूपये प्रति एकड़, यहाँ से चेक करे पूरी डिटेल्स
करनाल :- समय के साथ- साथ प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है. Pollution बढ़ने का मुख्य कारण वाहनों और उद्योगों से निकलने वाला धुंआ, तेजी से पेड़ों की हो रही कटाई और फसल लेने के बाद खेतों में बचे अवशेषों को जलाना है. प्रत्येक वर्ष October- November महीने में धान की कटाई होने के बाद बचे अवशेषों को जलाने से प्रदूषण स्तर काफी बढ़ जाता है.
पराली न जलाने पर मिलेंगे रुपए
प्रत्येक वर्ष इस समय हरियाणा पंजाब और दिल्ली NCR में प्रदूषण सबसे अधिक होता है.. सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए पराली न जलाने की अपील की है. साथ ही पराली न जलाने वालों को 1000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से देने की घोषणा की है. ऐसे में करनाल जिले के किसानों के लिए फसल अवशेषों को निपटाना काफी बड़ी चुनौती बना हुआ था, लेकिन सरकार द्वारा फसल अवशेषों को निपटाने के लिए बताई गई विधि से किसानों को काफी राहत मिली है.
पराली की गांठे बनाकर कमा सकते हैं रुपए
पराली की गांठे बनवाकर फसल अवशेषों के निपटान की इस योजना का आज करनाल के लगभग सभी किसान फायदा उठा रहे हैं. जिले के एक किसान दीपक ने जानकारी देते हुए बताया कि पराली के गांठे बनाने से प्रदूषण भी नहीं फैलता और सरकार की तरफ से 1000 रूपये का भी लाभ मिलता है. अगर कोई किसान गांठे बेचकर लाभ लेना चाहता है तो वह यह भी कर सकता है.
प्रदूषण से मिली काफी राहत
करनाल के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि उपनिदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास नें जानकारी देते हुए बताया कि किसान पराली को जलाकर प्रदूषण ना फैलाएं इसके लिए उन्हें समय- समय पर जागरूक किया जा रहा है. साथ ही उन्हें प्रदेश सरकार के द्वारा ₹1000 का लाभ भी दिया जा रहा है. जिले में जहां प्रत्येक वर्ष 1000 से भी अधिक पराली जलाने के Case आते थे वहीं अब यह Case घटकर मात्र 300 रह गए है. सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से जिले को प्रदूषण से काफी राहत मिली है.