Haryana: पहले खड़ी फसलों को बारिश ने किया खराब, अब मंडियों में भीग रहा खुला पड़ा गेहूं और सरसों
चंडीगढ़ :- बेमौसम बारिश के कारण पहले भी बड़ी संख्या में किसानों की फसलें खराब हो गई थी. बीच में मौसम सामान्य होने के बाद किसानों ने तेजी से सरसों और गेहूं की फसलो की कटाई करवाई. धीमा उठान होने के कारण Wheat और Sarso की फसल अब भी अनाज मंडियों में ही पड़ी हुई है. पिछले 2 दिन से कई जिलों में हल्की फुल्की बारिश दर्ज की गई है, जिस वजह से खुले में पड़ा लाखों टन अनाज भीग गया. अनाज मंडियों ने फसलो के हालात देखते हुए प्रदेश सरकार ने फसलों के उठान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
बेमौसम बारिश की मार झेल रहे किसान
बेमौसम बारिश की मार किसानों को बार- बार सहनी पड़ रही है. धीमा उठान होने के कारण अनाज मंडियो में किसानों की फसलें फिर से भीग गई है. Sunday और Monday को कुछ जिलों भिवानी, हिसार, रोहतक, करनाल, महेंद्रगढ़, झज्जर, फतेहाबाद, सिरसा, गुडगांव, अंबाला, यमुनानगर, जींद, पानीपत, पंचकूला में हल्की- फुल्की बारिश हुई जिस वजह से अनाज मंडियों में पड़ी फसल भीग गई. गेहूं की फसलें भीगने के कारण फसलों का काली होने का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग की माने तो आगामी 1 सप्ताह तक बारिश होने की संभावना है.
फसलों का किया जा रहा धीमे उठान
बेमौसम बारिश और बदलते मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. Monday को शाम तक अनाज मंडियों में करीब 60 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था जिसमें से 58 लाख 50 हजार टन गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई थी. इसी तरह मंडियो में करीब 4,43,000 टन सरसों पहुंचा जिसमे से 4,10,000 टन सरसो की ही सरकारी खरीद हो पाई. धीमे उठान के कारण बारिश से फसलों को काफी खतरा है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
फसलों की खरीद होते ही तुरंत पहुंचाएं गोदामों में
Deputy CM दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को आदेश दिए कि गेहूं और सरसों की खरीद के तुरंत बाद ही इन्हें गोदामों में पहुंचाना सुनिश्चित करें, ताकि बारिश से फसलों को नुकसान ना पहुंचे. व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी जानबूझकर फसलों का उठान देरी से कर रहे हैं, ताकि वें इसका कुछ फायदा उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए नुकसान की भरपाई उनसे करवानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कई जिलों में 16 April के बाद से खरीदे गए गेंहू का किसानों को अब तक भुगतान नहीं किया गया है.