HBSE 10th Topper: हरियाणा बोर्ड के दसवीं के रिजल्ट में किसानों की बेटियों ने किया कमाल, पहले और दूसरे स्थान पर किया कब्जा
फतेहाबाद :- मंगलवार को हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी (HBSE) के द्वारा दसवीं की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. आपको बता दें कि 12वीं कक्षा की अपेक्षा दसवीं का परिणाम ज्यादा अच्छा रहा है. दसवीं कक्षा में फतेहाबाद जिले के 2 विद्यार्थियों ने प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल किया है. भूना के New सनराइज स्कूल के छात्र हिमेश ने 498 अंक तथा गांव बनावली में शांति महक पब्लिक स्कूल की छात्रा सिमरन ने 497 अंक हासिल किए हैं.
पंचायत मंत्री ने दी बधाई
देश में प्रथम स्थान हासिल करने पर हिमेश को पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली, फतेहाबाद विधायक दुर्गाराम, जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग ने Phone कर अपनी शुभकामनाएं दी. वहीं दूसरी तरफ दैनिक जागरण ने सिमरन के पिता सुरेंद्र सिंह को Phone कर बधाई दी, तो उन्हें इस बात पर भरोसा नहीं हुआ. एक बार Phone कटने के बाद दोबारा Phone करके उन्होंने पूछा कि क्या आप मजाक तो नहीं कर रहे हैं, परंतु बाद में जब उन्होंने स्वयं परिणाम देखा तो उन्हें अपनी बेटी पर गर्व महसूस हुआ.
हिमेश का सपना है IPS बनना
हरियाणा राज्य में दसवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले हिमेश भूना गांव के रहने वाले हैं. वह भूना के न्यू सनराइज स्कूल में दसवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे थे. हिमेश ने दसवीं कक्षा में 498 हासिल कर अपने स्कूल का नाम रोशन किया है. जानकारी के लिए बता दें कि हिमेश के पिता राजेश सोनी सिंचाई विभाग में बेलदार तथा उनकी माता बबीता Homemaker है. हिमेश ने बताया कि हिंदी में दो और मैथ में 4 Number कटने के कारण वह 100% अंक प्राप्त नहीं कर पाए. उनका सपना IPS बनना है. इसके लिए हिमेश ने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है.
अध्यापिका बनना चाहती है सिमरन
गांव बनावली की सिमरन ने दसवीं कक्षा में 497 अंक लेकर Haryana Board of Education, भिवानी में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है. वह गांव के शांति महक पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई कर रही है. आपको बता दें कि सिमरन के पिता सुरेंद्र खेती – बाड़ी करते हैं तथा उनकी माता एक गृहणी है. सिमरन के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का सपना है कि वह अध्यापिका बने. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आजकल पढ़ाई महंगी हो गई है, परंतु उनकी बेटी ने पूरे राज्य में द्वितीय स्थान हासिल करके उन्हें जो खुशी दी है उसे वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते. जब तक उनकी बेटी पड़ेगी वह उसे पढ़ाई करवाएंगे.