HBSE News: हरियाणा बोर्ड लाया नया नियम, अब 10th और 12th कक्षा के छात्र नहीं बदल सकेंगे स्कूल
भिवानी, Haryana Board New Rule :- बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी (HBSE) हमेशा से प्रयासरत है. शिक्षा बोर्ड के द्वारा बच्चों की शिक्षा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समय- समय पर नए- नए Rules लागू किए जाते हैं. हाल ही में शिक्षा बोर्ड द्वारा एक नया नियम लागू किया गया है जिसके तहत 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र शैक्षणिक सत्र से किसी अन्य School के 10वीं 12वीं कक्षा में प्रवेश नहीं ले सकते हैं. बच्चे को पहले वाले स्कूल में ही 10वीं और 12वीं कक्षा में दाखिला लेना होगा.
10वीं 12वीं में नहीं बदल सकेंगे स्कूल
बोर्ड अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार CBSE मॉडल को ध्यान में रखते हुए यह नया नियम लागू किया गया है. कुछ विशेष कारण होने पर ही विद्यार्थी पुराने वाला स्कूल बदलकर नए स्कूल में Admission ले सकते हैं. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी आदेश सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों पर लागू रहेंगे. स्कूलों में दाखिले के समय होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शिक्षा बोर्ड में यह अहम कदम उठाया है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
परिजनों का तबादला होने पर यह नियम लागू नहीं
बोर्ड अधिकारियो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बच्चे 10वीं और 12वीं कक्षा के शैक्षणिक सत्र के दौरान विद्यालय नहीं बदल सकते. परंतु कुछ ऐसे कारण है जिसमें विद्यार्थी अपना विद्यालय बदल सकता है. यदि किसी छात्र का परिवार किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो गया हो तो ऐसी स्थिति में छात्र वैध Document जमा करवाकर विद्यालय बदल सकता है. वहीं अगर परिवर्तन एक ही जिले के भीतर है तो माता- पिता और विद्यार्थी को शिक्षा बोर्ड को 1 महीने के अंदर अंदर Proof देना होगा. शिक्षा बोर्ड की अनुमति मिलने के पश्चात विद्यार्थी स्कूल को बदल सकते हैं.
प्रवेश में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया कदम
स्कूलों में प्रवेश के दौरान हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के शिक्षा Board ने यह अहम फैसला लिया है. इस नए नियम के अंतर्गत शिक्षा बोर्ड में वर्ष 2022 में 142 स्कूलों के लगभग 6000 छात्रों का Result रोक दिया था, साथ ही छात्रों के स्कूल लिविंग पर भी रोक लगा दी गई थी. क्योंकि प्रत्येक वर्ष हजारों लाखों विद्यार्थी राज्य शिक्षा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाते है. इसके बावजूद बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जो दूसरे राज्यों के होते हैं और फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनवाकर लाते हैं, और सीधे राज्यों के स्कूलों में प्रवेश लेते हैं.