होम लोन लेने वालो की हुई बल्ले- बल्ले, RBI के नए आदेश से इतने रूपए घटी EMI
नई दिल्ली :- होम लोन लेने वालों के लिए राहत देने वाली खबर है. देश के कई प्रमुख बैकों ने अपने होम लोन पर वसूली जाने वाली ब्याज दरों में कमी कर दी है. ब्याज दर घटाने वालों में केनरा बैंक (Canara Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) समेत कई प्रमुख बैंक शामिल हैं. यानी अब इन सभी बैंकों से होम लोन लेने वालों को इस कटौती का फायदा मिलेगा. इस बदलाव के चलते होम लोन की ईएमआई कम हो सकती है या लोन का टेन्योर घटाया जा सकता है.
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RBI के रेपो रेट घटाने का असर
दरअसर इन बैंकों ने होम लोन पर ब्याज दरें घटाने का एलान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने के फैसले के बाद किया है. रिजर्व बैंक ने 7 फरवरी 2025 को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का फैसला करते हुए इसे 6.25% कर दिया. इस कटौती से बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो गया, जिसका सीधा लाभ अब होम लोन लेने वालों को मिलेगा.
इन बैंकों ने घटाई ब्याज दरें
रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने के बाद कई प्रमुख बैंकों ने अपनी रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दरों (RLLR) में कमी की है. इनका डिटेल आप यहां देख सकते हैं.
- केनरा बैंक (Canara Bank) ने अपने RLLR को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है. यह नई दर 12 फरवरी 2025 से लागू है.
- बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) की नई RLLR दर 8.90% हो गयी है, जो 10 फरवरी 2025 से लागू भी हो गई है.
- बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने अपनी ब्याज दर 9.35% से घटाकर 9.10% कर दी है, जो 7 फरवरी 2025 से लागू है.
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने अपने RLLR को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है, जो 11 फरवरी 2025 से लागू है.
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी अपने RLLR को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है, जो 10 फरवरी 2025 से लागू है.
- इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने अपने RLLR को 9.35% से घटाकर 9.10% कर दिया है, जो 11 फरवरी 2025 से लागू है.
क्या है RLLR का मतलब?
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) वह ब्याज दर होती है, जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं. यह दर रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए रेपो रेट से जुड़ी होती है. अक्टूबर 2019 में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें सभी बैंकों को अपने रिटेल लोन को किसी बाहरी बेंचमार्क दर से जोड़ने के लिए कहा गया था. जिसके बाद से ज्यादातर बैंकों के लिए रेपो रेट ही बेंचमार्क बन गया है. अगर किसी ग्राहक ने RLLR आधारित होम लोन लिया है, तो उसकी ब्याज दर रेपो रेट के बदलाव के साथ घटती या बढ़ती रहती है. ज्यादातर होम लोन फ्लोटिंग रेट पर होते हैं, इसलिए उनके लोन की ब्याज दरें RLLR से जुड़ी होती हैं.
पुराने और नए ग्राहकों पर क्या होगा असर
RLLR में कटौती का असर पुराने और नए ग्राहकों पर अलग-अलग होगा. नए होम लोन लेने वालों को ब्याज दरों में कटौती का लाभ फौरन मिल जाएगा. लेकिन पुराने ग्राहकों को इसका फायदा तभी मिलेगा जब उनकी ब्याज दर रिवाइज करने का समय आएगा. आम तौर पर बैंक तीन महीने या 6 महीने में एक बार ऐसा करते हैं.
क्या अब होम लोन लेना सही रहेगा?
अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है. क्योंकि ब्याज दरों में कटौती के बाद आपको उतने ही लोन के लिए कम ईएमआई देनी पड़ेगी. इसके अलावा बैंक अक्सर नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए और बेहतर शर्तों के साथ लोन ऑफर देते हैं.