लोन की EMI भरने में हो रही है दिक्कत, तो इन उपायों से कर्ज के जाल से निकल सकते हैं बाहर
नई दिल्ली :- जॉब चली जाने, बिजनेस ठप हो जाने या किसी कोई आर्थिक संकट आ जाने से कई बार हम अपने लोन की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप कुछ उपायों को अपनाकर कर्ज के जाल से बाहर निकल सकते हैं। कई बार लोग एक लोन को चुकाने के लिए दूसरा और फिर दूसरे लोन को चुकाने के लिए तीसरा लोन ले लेते हैं। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, वरना आप कर्ज के जाल में फंस जाएंगे। आइए जानते हैं कि जब आप लोन नहीं चुका पा रहे हों, तो क्या करें।

बैंक से कुछ समय मांगें
किसी भी कारण अगर आप लोन चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, तो सबसे पहले उस बैंक या NBFC कंपनी से बात करें, जिससे आपने लोन लिया है। बैंक से बात करके आप कुछ मदद पा सकते हैं। लोन की ईएमआई न चुकाने की स्थिति में बैंक को ई-मेल करें या अगर संभव हो तो उस ब्रांच में जाकर लोन डिपार्टमेंट के अधिकारी से मिलें जहां से लोन लिया है। बैंक से बात करके ईएमआई से कुछ समय के लिए राहत ले सकते हैं। बैंक को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दें और यह साफ-साफ बताएं कि कितने समय तक लोन की ईएमआई नहीं दे सकते। आपकी स्थिति को देखते हुए बैंक फैसला करता है कि वह आपको समय देगा या नहीं। हो सकता है कि आप लोन की ईएमआई चुकाने के लिए 1 साल की छूट मांगे लेकिन बैंक यह समय देने से मना कर दे या बैंक आपकी स्थिति देखते हुए आपको लोन चुकाने का अधिक समय दे दे।
लोन को रीस्ट्रक्चर कराएं
अगर आपके पास ईएमआई चुकाने जितनी रकम नहीं है तो आप बैंक से बात करके लोन को रीस्ट्रक्चर भी करवा सकते हैं। इसमें लोन की ईएमआई कम हो जाती है लेकिन लोन चुकाने की अवधि बढ़ जाती है। मान लीजिए, किसी शख्स ने 5 लाख रुपये का लोन 5 साल के लिए लिया था। वह शख्स हर महीने करीब 11 हजार रुपये की ईएमआई दे रहा था। वह 3 साल तक लोन की ईएमआई समय पर चुकाता रहा। आर्थिक स्थिति खराब होने पर उसने बैंक से लोन रीस्ट्रक्चर कराने के लिए कहा। बैंक ने बची हुई रकम को आगे 5 साल के लिए और बढ़ा दिया। ऐसे में जहां पहले वह शख्स 11 हजार रुपये की ईएमआई दे रहा था, हो सकता है कि उसे अब 6 से 7 हजार रुपये के बीच ही ईएमआई देनी पड़े।
बैलंस ट्रांसफर कराएं
काफी बैंक लोन की रकम को बैलंस ट्रांसफर (BT) की भी सुविधा देते हैं। ऐसे में बैंक लोन के रूप में और ज्यादा रकम देने की पेशकश करते हैं। इससे पुराने लोन खत्म हो जाते हैं और नया लोन शुरू हो जाता है। साथ ही लोन लेने वाले शख्स को और रकम मिल जाती है जिसका इस्तेमाल वह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में कर सकता है। कई बैंक ऐसे भी होते हैं जो पुराने वाले बैंक की अपेक्षा कम ब्याज दर पर लोन देने की पेशकश करते हैं। बेहतर होगा कि BT के लिए ऐसे ही बैंक को चुनें। बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड के लोन को भी BT करा सकते हैं। हालांकि कई बैंक NBFC कंपनी से लिए गए लोन को BT में शामिल नहीं करते।
लोन सेटलमेंट कराएं
अगर कोई शख्स बैंक के बार-बार कॉल करने पर भी ईएमआई नहीं चुका रहा है तो भी बैंक सेटलमेंट के लिए कह सकता है। इसे वन टाइम सेटलमेंट (OTS) कहा जाता है। इसमें बैंक लोन की बची हुई पूरी रकम नहीं लेते, बल्कि 10 से 50 फीसदी ही लेते हैं और बाकी रकम माफ कर देते हैं। ज्यादातर बैंक सेटलमेंट कर रकम चुकाने के लिए 1 हफ्ते का समय देते हैं।