हरियाणा के इन 1780 गांव में रेड जोन से मंडरा रहा है जल संकट, मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर जारी किया अलर्ट
चंडीगढ़ :- हरियाणा में जल संकट गहरा हो सकता है. भिवानी मौसम विभाग के द्वारा जारी किए गए Alert के बाद सरकार की चिंताएं बढ़ती दिखाई दे रही है . सरकार की तरफ से सिंचाई विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया गया है. आपको बता दें कि गिरते जलस्तर को देखते हुए सरकार 2022 में सुबे के 1780 गांव को Red Zone में शामिल कर चुकी है. बूस्टर जल के हिसाब से गुलाबी बैंगनी तथा नीली श्रेणियां भी गांव के लिए बनाई गई है.
7 Zone में बटेगा हरियाणा
हरियाणा जल संसाधन संरक्षण अधिनियम और प्रबंधन प्राधिकरण HWRA द्वारा 2022 तक कि भूजल सत्र गहराई के आधार पर राज्य को 7 Zone में बांटने का प्रस्ताव है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर HWRA के इस प्रस्ताव के पक्ष में है. मिली सूचना के अनुसार इस बार इन गांव के लिए सरकार विशेष कार्य योजना बनाने की तैयारी कर रही है.
सरकार ने जुटाए 10 साल के आंकड़े
गांव के भूजल की गहराई के साथ पिछले 10 वर्षों के गिरावट के आंकड़े जुटाए गए हैं. 30 मीटर से अधिक पानी गहराई वाले गांव को गंभीर रूप से भूजल संकटग्रस्त गांव के रूप में शामिल किया गया है. इसके साथ ही आपको बता दें कि रजौन वाले 957 गांव में भूजल स्तर की गिरावट दर्ज हो पॉइंट जीरो शून्य से 1.00 मीटर प्रति वर्ष के बीच रही है. इसके साथ ही 707 गांव में गिरावट दरवन पॉइंट जीरो एक से 2.00 मीटर प्रति वर्ष के मध्य. 79 गांव में गिरावट दर्ज 2.0 मीटर प्रति वर्ष से अधिक है. 37 गांव के भूजल स्तर में कोई गिरावट नहीं आई है.
गांव में इतना गिर चुका जल सूत्र
जून 2020 के भूजल सत्र के आंकड़ों के अनुसार इस श्रेणी में 1041 गांव आते हैं.पिछले 10 वर्षों के उतार-चढ़ाव को देखते हुए 874 गांव में भूजल सत्र की गिरावट दर्ज 0.00 – 1.00 मीटर प्रतिवर्ष है. 1.51 से 3.00 मीटर की जल तालिका वाले गांव सेम ग्रस्त गांव के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसके साथ ही यह गांव बैंगनी श्रेणी में शामिल किए गए हैं.
हाई ट्रेंड में 203 गांव
पिछले 10 सालों के उतार – चढ़ाव के आधार पर 203 गांव में हाई ट्रेंड है जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है. इसके साथ ही 1.50 मीटर से कम जल स्तर वाले गांव को गंभीर रूप से सेम ग्रस्त गांवों को नीली श्रेणी में शामिल किया गया है. पिछले 10 वर्षों के उतार – चढ़ाव के आधार पर बेहतर गांव में हाई ट्रेंड है जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है. 13 गांव में हाई ट्रेंड दर्ज नहीं किया गया है.
सरकार ने लोगों से मांगे सुझाव
भूजल स्तर के आधार पर गांव के प्रस्तावित वर्गीकरण को लेकर जनता से आपत्तियां तथा सुझाव सरकार के द्वारा मांगे जा चुके हैं. घटते भूजल सत्र पर सरकार ने चिंताएं व्यक्त करते हुए स्थिति सुधारने के लिए राज्य की विभिन्न Zone में बांटने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही जिन गांव में भूजल स्तर कम है वहां अटल भूजल योजना के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण कार्य में तेजी आएगी.