Indian History: ताजमहल का मालिक शाहजहां, अपनी बेगम और बेटी को देता था इतनी ‘पॉकेटमनी’? रकम जान हो जाएंगे हैरान
नई दिल्ली, Indian History :- मुगलों ने काफी लंबे वक्त तक हिंदुस्तान पर शासन किया. सभी मुग़ल बादशाह बड़े ऐशो आराम से अपना जीवन जीते थे. सभी मुग़ल शासकों के अपने अपने शौक थे. इसके लिए वह खूब खर्चा करते थे. मुगल काल में हरम में महिलाओं के साथ होने वाली ज्यादतियों की कहानियां भी काफी चर्चा में रही हैं.
जहांआरा ने अपनी डायरी में किया है पॉकेट मनी का जिक्र
दरअसल, हरम को बादशाह के अय्याशी का अड्डा माना जाता था. परन्तु क्या आप जानते है कि उस वक़्त बादशाह अपनी बेगमों और बेटियों को वजीफे के तौर पर अरबों रुपये वेतन के रूप में देते थे. शाहजहां की सबसे बड़ी बेटी जहांआरा ने अपनी Diary में बादशाह (शाहजहां) से मिलने वाले वजीफे के बारे में बताया है. जहांआरा ने बताया है कि शाहजहां अपनी बेगम यानी उनकी मां मुमताज महल को वजीफे (Pocket Money) के रूप में 10 लाख रुपये वार्षिक दिया करते थे. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
मुमताज़ महल कों दिया जाता था 10 लाख सालाना वजीफा
अब प्रश्न उठता है कि वर्तमान में ये राशि कितनी हो सकती है. बेगम को सालाना मिलने वाले 10 लाख रुपये की कीमत को समझने का एक तरीका ये है कि उस समय एक किलो सोने की कीमत 1000 रुपये होती थी जिसके लिए आज के समय में लगभग 60 लाख रुपये चुकाने होंगे. मतलब उस वक़्त के 1000 रुपये की कीमत आज के 60 लाख रुपयों के समान हो सकती है. ऐसे में मुमताज महल को मिलने वाले सालाना 10 लाख रुपये आज के टाइम में लगभग 6,00,00,00,000 रुपये हो सकते हैं.
बेगम नूरजहां को मिलता था दो लाख सालाना वजीफा
शाहजहां की बेटी जहांआरा ने अपनी डायरी में जिक्र किया है कि उनके पिता शाहजहां ने ये घोषणा की थी कि उनकी बेगम यानी जहांआरा की मां को मुमताज महल के नाम से जाना जाएगा और उन्हें सालाना 10 लाख रुपये का वजीफा प्रदान जाएगा. साथ ही शाहजहां ने बेगम नूरजहां के लिए 2 लाख रुपये सालाना वजीफे देने की घोषणा की थी. जहांआरा अपनी डायरी में लिखती हैं कि जब वह 14 साल की थी तभी पिता शाहजहां ने उनके लिए सालाना 6 लाख रुपये के वजीफे का ऐलान कर दिया था.
मां की मृत्यु के बाद दिया जायदाद का आधा हिस्सा
ऐसे में उन्हें न सिर्फ मुगल काल बल्कि पूरी दुनिया की सबसे अमीर शहजादी माना गया है. यानी अपने समय में जहांआरा की दुनिया की सबसे अमीर महिला थी. शाहजहां जब बादशाह बने तो उन्होंने बेटी जहांआरा को 4 लाख रुपये व साथ ही एक लाख अशर्फियां भी दी थीं. यही नहीं, जहांआरा की मां की मृत्यु के बाद बादशाह पिता ने उनकी संपत्ति में से आधा हिस्सा जहांआरा को दे दिया तथा शेष आधे हिस्से को बाकी के बच्चों में वितरित कर दिया था.