Indian Railway: भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, अब रेलवे टिकट आरक्षण में इन लोगो को भी मिलेगी छूट
कैथल, Indian Railway :- सरकार दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए समय- समय पर नई- नई योजनाएं लाती रहती है. सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को यात्रा से लेकर नौकरियों तक में विशेष रुप से छूट दी जा रही है. दिव्यांगजनो के पास ना तो कमाई का कोई साधन होता है, न ही वे काम करने में समर्थ होते हैं, इसलिए सरकार दिव्यांगजनों को सभी क्षेत्रों में विशेष छूट दे रही है. रेलवे में अब मूक बधिरो की तर्ज पर केवल बधिरो को भी टिकट में आरक्षण देगी. करनाल के राजकीय ITI में कार्यरत उपअधीक्षक सोनू वर्मा ने Railway विभाग के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी जिस पर करीब 1 वर्ष बाद फैसला आया है.
मूक बधिरो की तरह बधिरो को भी मिले रेलवे में आरक्षण
दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने रेलवे विभाग को मूक बधिरो की तर्ज पर बधिरो को भी रेलवे टिकट में आरक्षण देने के आदेश दिए है. इस मामले पर पिछले 1 साल से कार्यवाही चल रही थी, अब जाकर इसका फैसला आया है जोकि याचिकाकर्ता सोनू वर्मा के पक्ष में रहा. सोनू वर्मा का कहना था कि बधिरो को रेलवे टिकट में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा. इसी के चलते सोनू वर्मा ने याचिका दायर की थी, जिस पर 25 June 2023 को कोर्ट में सुनवाई और बहस हुई जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया और 28 June को कोर्ट ने फैसला सोनू वर्मा के हक में सुनाया.
रेलवे बोर्ड की नीति को किया चैलेंज
न्यायालय ने रेलवे विभाग को आदेश जारी करते हुए कहा कि अन्य दिव्यांगजनों की भांति सभी बधिर दिव्यांगों को भी समान सुविधाएं दी जाए और यह आदेश अगले 3 महीने के अंदर लागू किए जाने चाहिए. सोनू वर्मा ने रेलवे बोर्ड की नीति को चैलेंज किया. जिसमें उसने कहा कि रेलवे अपने किराए में Blind, ऑर्थोपेडिक तथा मेंटली चैलेंज्ड को 75% की छूट तथा राजधानी और शताब्दी ट्रेन में 25% की छूट देता है, लेकिन मूक बधिरो को रेलवे 50% की छूट देता है जबकि शताब्दी ट्रेन में उन्हें कोई छूट नहीं दी जाती.
हमेशा से दिव्यांगो के हित में लड़ रहे लड़ाई
रेलवे द्वारा किए जा रहे भेदभाव की इस नीति को सोनू वर्मा ने RPW एक्ट 2016 के खिलाफ बताया और भेदभाव के खिलाफ स्टेट डिसेबिलिटी Court में याचिका डाली. विकलांग संघ के जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने कहा कि प्रशासन को सभी दिव्यांगो की पहचान करनी चाहिए और उनको सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाना चाहिए. बधिरो के हित में आए इस फैसले का पवार ने स्वागत किया और राजकुमार मक्कड़ का आभार जताया. सोनू वर्मा ने बताया कि वह हमेशा से ही दिव्यांगो के हित में रहा है. इतना ही नहीं सोनू ने अमृतसर की मूक बधिर मीनाक्षी को अपना जीवनसाथी बनाया और बारात में करीब 3 दर्जन मूक बधिरो को अपना बराती बनाया.