Indian Railway: धीरे- धीरे पटरियों से गायब हो रही है पैसेंजर ट्रेन, किराया बढ़ा बनाया जा रहा है स्पेशल
अंबाला, Indian Railway :- कुछ दिन पहले रेल मंत्री की तरफ से एक जरूरी बैठक की अध्यक्षता की गई. इस बैठक में 4 सालों में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या बढ़ने और पैसेंजर ट्रेनों की संख्या घटने के आंकड़ों पर चर्चा की गई. बता दे की 4 सालों में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या औसतन प्रतिदिन 428 बढ़ गई, जिस वजह से यात्रियों को पहले से भी बेहतर सुविधा मिल रही है. वहीं इसके विपरीत, पैसेंजर ट्रेनों की संख्या औसतन प्रतिदिन 580 घट गई.
पिछले कुछ सालों से पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में आई कमी
इसी वजह से पैसेंजर ट्रेनों के किराए में भी कई गुना वृद्धि देखने को मिली और इसका सीधा प्रभाव आम आदमी की जेब पर दिखाई दिया. पहले जहां आपको पैसेंजर ट्रेनों में कम से कम 10 रूपये में यात्रा करनी पड़ती थी, अब आपको इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए 30 रूपये तक देने पड़ते हैं. कुछ पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव बंद कर दिए गए हैं और उनको भी अब मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया जा रहा है. वही दूसरी तरफ, पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में भी काफी कमी कर दी गई है. जहां एक तरफ ट्रेनों की संख्या बढ़ने से यात्रियों को पहले से बेहतर सुविधाएं मिली है.
पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों में किया जा रहा है कन्वर्ट
कई ट्रेने है तो ऐसी है जिसे पैसेंजर से स्पेशल ट्रेन में कन्वर्ट कर दिया गया है. वही मेल और एक्सप्रेस ट्रेन की स्तिथि में काफी बदलाव आ गया है. यदि चालू वित्त वर्ष की बात की जाए तो साल 2023- 24 में 15 अगस्त 2023 तक मेल और पैसेंजर ट्रेनों का आंकड़ा प्रतिदिन औसतन 2032 तक पहुंच गया है. कोरोना से पहले और कोरोना के बाद की स्थिति में प्रतिवर्ष/ प्रतिदिन औसत चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में काफी कमी आई है. जहां साल 2019-20 में ऐसी ट्रेनों की संख्या 3000 से भी ज्यादा थी, जो 2020-21 में गिरकर महज 113 ही रह गई थी.