भारतीय रेलवे ने यूपी, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल को दिया बड़ा तोहफा, एक दूसरे से जोड़ने वाले कॉरिडोर को मिली हरी झंडी
नई दिल्ली :- न्यू पिलखनी स्टेशन से साहनेवाल तक का लगभग 182 किमी लंबा हिस्सा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को आपस में जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग होगा. यह सिर्फ मालगाड़ियों के लिए होगा, ताकि मालगाड़ियां मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तरफ भी निर्धारित समय पर एक से दूसरी जगह पर पहुंच सकें। अब डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर सहारनपुर से आने वाली सभी मालगाड़ियों का संचालन होगा। मुख्य लाइन पर ट्रेनों का दबाव इससे कम होगा। वहीं कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की गति भी बढ़ जाएगी। मालगाड़ियों के संचालन के कारण वे अक्सर बीच में फंस जाते या देरी से चलते थे, इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों को होगा।
प्रक्रिया में अभी लगेगा समय
रेलवे द्वारा मौजूदा समय में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों की समय सारिणी निर्धारित की जाती है, उसी आधार पर मालगाड़ियों की भी समय सीमा निर्धारित की जाएगी। इससे सामान भेजने वाले लोग मालगाड़ी कब रवाना होगी और कब सामान लेकर गंतव्य स्टेशन पर पहुंचेंगे। इसके बावजूद, इस प्रक्रिया में अभी कुछ समय लगेगा।
तीन हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
जुलाई 2016 में, डीएफसीसीआईएल परियोजना के तहत अंबाला मंडल के अधीन साहनेवाल से पिलखनी तक कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ। 2005 में यह परियोजना शुरू हुई और 2006 में इसे मंजूरी मिली। इस रेल लाइन का प्रारंभिक खर्च तीन हजार करोड़ रुपये था, जो बाद में पांच हजार करोड़ रुपये हो गया। इसमें जमीन अधिग्रहण की 1200 करोड़ रुपये की लागत, एक हजार करोड़ रुपये का सिग्नल और ओएचई कार्य और 2500 करोड़ रुपये का सिविल वर्क शामिल था।
रेलवे मंत्रालय ने दी अनुमति
रेलवे मंत्रालय ने साहनेवाल को न्यू पिलखनी डीएफसीसीआईएल को अनुमति दी है। मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को गति देने और निर्धारित समय पर आवागमन करने के लिए एक सेक्शन पर अब अधिक मालगाड़ियों का संचालन किया जाएगा। – पंकज गुप्ता, डीएफसीसीआईएल अंबाला का मुख्य महाप्रबंधक