भारतीय रेलवे ने की बड़ी तैयारी, अब मेट्रो और लोकल ट्रेनों में लगेगा ‘कवच’
नई दिल्ली :- ट्रेन हादसों पर लगाम लगाने के लिए देश भर में कवच लगाने का काम जोरों पर है. इसी बीच रेलवे अब मेट्रो और लोकल ट्रेनों से भी सफर को और ज्यादा सेफ बनाने जा रही है. दिसंबर 2025 तक मेट्रो और सब अर्बन यानी लोकल ट्रेनों के लिए ‘कवच 5.0’ तकनीक तैयार हो जाएगी. कवच का वर्जन 5.0 नेक्स्ट मौजूदा ‘कवच’ सिस्टम का नेक्स्ट जेनरेशन वर्जन होगा. खास बात यह है कि यह नया वर्जन सबअर्बन ट्रेनों की क्षमता को डेढ़ गुना तक बढ़ा देगा, जिससे मुंबई समेत देश के सभी बड़े शहरों को फायदा होगा. ‘कवच 5.0’ के जरिए ट्रेनों की टक्कर जैसी घटनाओं को और बेहतर तरीके से रोका जा सकेगा, और मेट्रो व लोकल ट्रेनों का संचालन और भी ज्यादा सुरक्षित और कुशल हो जाएगा.
स्वदेशी रूप से डेवलप
सरकारी वेबसाइट PIB के मुताबिक, कवच एक स्वदेशी रूप से डेवलप किया गया ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम है. यह एक हाईटेक टेक्नोलॉजी वाला सिस्टम है, जिसे सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा प्रमाणन (SIL-4) की ज़रूरत होती है. यह सिस्टम लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) को निर्धारित गति सीमा के भीतर ट्रेन चलाने में सहायता करता है. यदि लोको पायलट ऐसा करने में विफल रहता है तो यह स्वचालित रूप से ब्रेक लगाता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेनों को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है. कवच का यात्री ट्रेनों पर पहला फील्ड परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू किया गया था.
50 लाख रुपये/किमी है खर्च
इसके बाद जो अनुभव मिला और एक स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकन (Independent Safety Assessor) द्वारा जांच के आधार पर 2018-19 में तीन कंपनियों को कवच वर्जन 3.2 सप्लाई करने की मंज़ूरी दी गई. कवच को जुलाई 2020 में राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया था. कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक साइड के प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये/किमी है और लोकोमोटिव पर कवच उपकरण के प्रावधान की लागत लगभग 80 लाख रुपये/लोको है.