Indian Railway: जाने रेलवे में पहले और आखिर में ही क्यों लगते है जनरल डिब्बे, कारण जान नहीं होगा यकीन
नई दिल्ली, Indian Railway :- भारत में पहली बार रेल मुंबई से थाने के बीच चलाई गई थी. उसके बाद तो मानो पूरे भारत में रेलवे का जाल बचता ही चला गया. वर्तमान समय में रेल यातायात का सबसे सुविधाजनक तथा सस्ता साधन है. भारत का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. लाखों लोग रोजाना ट्रेन में सफर करते हैं. सभी लोगों को यह सफर आरामदायक लगता है.
सभी वर्गो के लिए सुविधा
रेलवे सभी वर्गों के हिसाब से उन्हें सुविधाएं प्रदान कराती है. रेलवे के पास अमीरों के लिए फर्स्ट एसी कोच है तो साथ की साथ आम आदमियों के लिए जनरल कोच भी है. जैसा कि आप जानते हैं ट्रेन में हमेशा जनरल कोच शुरू में तथा आखिर में होता है. इस प्रश्न पर कुछ लोगों का कहना है कि इंजन के पीछे तथा ट्रेन के अंत में हमेशा जनरल डिब्बे फिट होते है. कई लोग रेलवे पर जनरल कोच को ट्रेन के आगे तथा पीछे लगाकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने का आरोप भी लगते हैं. उन्हें लगता है कि हर बार एक्सीडेंट में यही डब्बे फसते हैं, परंतु सच्चाई यह नहीं है.
रेलवे का बयान
सभी आरोपी को खारिज करते हुए रेलवे ने बताया कि ट्रेन संचालन नियमों के अनुसार प्रत्येक डिब्बे का स्थान केवल रेलवे नियमों के मुताबिक तय किया जाता है तथा अमीर गरीब लोगों में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है.भारतीय रेलवे के अनुसार ट्रेन के जनरल कोच में स्लीपर तथा एसी कोच से ज्यादा भीड़ होती है. जनरल कोच प्रत्येक स्टेशन पर अधिक यात्रियों को चढ़ाते तथा उतरते हैं इसलिए यहां अधिक भीड़ होती है ऐसे में यदि इन डब्बों को ट्रेन के बीच में जोड़ा जाएगा तो ट्रेन असंतुलित हो जाएगी.
इसलिए आखिर में होते हैं जनरल कोच
यदि जनरल डब्बा बीच में होगा तो इसमें बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा. ट्रेन के आगे तथा पीछे सार्वजनिक डिब्बे लगाने से यात्रियों की भीड़ समान रूप से विभाजित हो जाती है. रेलवे एक्सपर्ट के अनुसार ट्रेन के शुरू में तथा अंत में जनरल कोच जोड़ना यात्री सुरक्षा के लिए फायदेमंद है. इतना ही नहीं दुर्घटना होने तथा रेल के पटरी से उतरने जैसी आपातस्थिति में यात्री वाले इन डब्बों से लोगों को आसानी से निकाला जा सकता है.