Indian Railways: ट्रेन के इंजन में बैठे ड्राइवर को ऐसे पता चलता है रास्ता, टेक्नोलॉजी जान उड़ जाएंगे होश
नई दिल्ली,Indian Railways :- आप सभी लोगों ने कभी ना कभी तो ट्रेन में अवश्य ही सफर किया ही होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन ड्राइवर को रास्ते का पता कैसे चलता है. आज की इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी फैक्ट के बारे में जानकारी देंगे. यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर ट्रेन के रास्तों को लेकर कौन जानकारी देता है और कैसे यह जानकारी ड्राइवर तक पहुंचती है.आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है, मुझे कॉमेंट मे जरूर बताएं.
इस प्रकार मिलता है ट्रेन को आगे बढ़ाने का संकेत
बता दें कि पटरियों को नेविगेट करने के लिए ट्रेन ड्राइवर सिग्नल, ट्रैक स्विच और शेड्यूल के कॉन्बिनेशन का इस्तेमाल करते हैं. ट्रेन के चलने के बाद पटरियों के बारे में संकेत दिया जाता है कि कब ट्रेन का आगे बढ़ना सुरक्षित है. यदि जरूरी हो तो पायलट को ट्रैक स्विच करने की अनुमति भी दी जाती है. इसके अलावा भी ट्रेन ड्राइवर एक Schedule का पालन करते हैं, जो उन्हें बताता है कि उन्हें कौन से रूट का पालन कब और कैसे करना है और किस Time रुकना है.
रेलवे की तरफ से निर्धारित किया जाता है सारा शेड्यूल
सभी रूट्स उपमंडल के रेलवे नियंत्रण कक्ष की तरफ से निर्धारित किए जाते हैं. जहां ट्रेन वर्तमान में यात्रा कर रही है, यह शेड्यूल अक्सर रेलवे की तरफ से ही निर्धारित किया जाता है. लोको पायलट को ट्रेन चलाते समय किधर और कहां जाना है, इसकी जानकारी होम सिग्नल के जरिए मिलती है. वह ट्रेन की गति को नियंत्रित करने और निर्धारित Stop बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है. पहले पटरियों के प्रत्येक खंड में तैनात केबिन बॉय की तरफ से मैन्युअल रूप से पटरियों की अदला-बदली की जाती थी, परंतु अब आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स से यह प्रक्रिया स्वचालित और काफी आसान हो गई है.