Dhanna Seth: कहानी भारत के सबसे रईस आदमी धन्ना सेठ की, मुगल-अंग्रेज भी कंगले थे जिसके आगे
नई दिल्ली, Dhanna Seth :- भारत में कई ऐसे व्यापारी है जिनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती है. इनकी धन दौलत ओर रुतबे का जिक्र विदेशो में भी खूब होता है. आज हम आपको देश के इतिहास में मौजूद एक ऐसे अरबपति कारोबारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक उधार में पैसे लेते थे. यह भारत के इतिहास में अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में टॉप पर है.
भारतीय इतिहास का सबसे अमीर व्यापारी धन्ना सेठ
यह भारत का 400 साल पुराना व्यापारी है जिनका नाम धन्ना सेठ है. इनके बारे में आपने कई बार कहावत भी सुनी होगी.इस Businessman का संबंध गुजरात से है और यह भारतीय इतिहास का सबसे अमीर व्यापारी रहा है. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया फ़ैक्ट्री रिकॉर्ड्स की माने तो दुनिया में अब तक सबसे अमीर बिजनेसमैन धन्ना सेठ ही है. आइये आपको इनके बारे में और जानकारी देते है.
वीरजी वोरा थे एक थोक विक्रेता
इस व्यापारी का नाम ‘वीरजी वोरा’ था. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया फ़ैक्ट्री रिकॉर्ड्स के मुताबिक 16वीं शताब्दी के दौरान वीरजी वोरा की संपत्ति करीबन 8 मिलियन डॉलर यानी 65 करोड़ रुपये से अधिक थी. यदि आज के अनुसार हिसाब लगाए तो यह राशि खरबों रुपये में होगी. वीरजी वोरा को अंग्रेज Merchants के बीच प्रिंस के नाम से जाना जाता था. वीरजी वोरा आवश्यक सामानों के एक थोक व्यापारी थे.
वीरजी को थी बाजार की अच्छी समझ
इन्हें बाजार की अच्छी समझ थी, जिस वजह से इनको हमेशा मार्केट की डिमांड के बारे में पता रहता था. अपने कौशल के बल- बूते ये व्यापारी बुलंदियों पर पहुँचे और कहा जाता है कि वीरजी वोरा की पहुंच दुनिया के हर बड़े बाजार तक थी. फारस की खाड़ी, लाल सागर और दक्षिण पूर्व एशिया के बंदरगाहों तक उनका सिक्का चलता था. कहा जाता है कि वीरजी वोरा ने अंग्रेजों को आज से 400 साल पहले लाखों रुपये कर्ज दिया था. ईस्ट इंडिया कंपनी के रिकॉर्ड्स के मुताबिक वीरजी वोरा ने अंग्रेजों को 16वीं शताब्दी में अलग-अलग अवसरो के दौरान 25,000, 50,000 और 2 लाख रुपये तक उधार दिए.
मुगल बादशाह औरंगजेब की भी की थी आर्थिक सहायता
ईस्ट इंडिया कंपनी को जब भी पैसे चाहिए होते वह वीरजी वोरा के पास जाती थी. इतिहास में बताया गया है कि मुगल बादशाह औरंगजेब को भी वीरजी वोरा ने पैसे उधार दिए थे. हुआ यूं कि दक्कन में औरंगजेब को युद्ध में काफी संकट का सामना करना पड़ा था. ऐसे समय में औरंगजेब ने अपने दूत को आर्थिक सहायता के लिए वीरजी वोरा के पास भेजा था.