कही आपके घर में रखा सरसों का तेल नकली तो नहीं, इस ट्रिक से करे पहचान
नई दिल्ली :- भारतीय रसोई में पाया जाने वाला सरसों का तेल सिर की मालिश से लेकर बॉडी मसाज और खाना पकाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. सरसों का तेल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के समय में हो रही मिलावट ने तेल को भी पीछे नहीं छोड़ा है. सरसों के तेल में भी जमकर मिलावट हो रही है. सरसों के तेल को 5-6 घंटे फ्रिज में रखें. यदि तेल जम जाता है या सफेद धब्बे दिखते हैं तो यह मिलावटी हो सकता है. शुद्ध तेल ठंड में भी तरल रहता है.
सरसों के तेल को गर्म करें. यदि तेज धुआं निकलता है और महक कम हो जाती है तो यह शुद्ध है क्योंकि नकली तेल में ऐसा नहीं होता. अपनी सेहत से समझौता न करें. इन आसान तरीकों से घर पर ही सरसों के तेल की शुद्धता की जांच कर सकते हैं और मिलावटी चीजों की पहचान कर सकते हैं. यदि बैरोमीटर उपलब्ध है तो सरसों के तेल की रीडिंग 58 से 60.5 के बीच होनी चाहिए. इससे बाहर होने पर मिलावट की संभावना है.
शुद्ध सरसों के तेल का रंग हल्का पीला या सुनहरा होता है. अधिक हल्का या सफेद जैसा रंग मिलने पर यह मिलावटी हो सकता है. हथेली पर तेल की कुछ बूंदें डालकर रगड़ें. अगर इसमें तेज तीखी महक आती है तो यह शुद्ध है. हल्की या केमिकल जैसी गंध होने पर मिलावट की संभावना है.