Jind News: 95 एकड़ जमीन के मालिक ने समाज के लिए पेश की मिसाल, 1 रूपये शगुन लेकर की बेटे की शादी
जींद, Jind News :- प्राचीन काल से ही दहेज प्रथा का प्रचलन हमारे समाज में चला आ रहा है. दहेज प्रथा न केवल एक सामाजिक कुरीति है बल्कि यह एक ऐसा लालच है जिसके प्रभाव में आकर आम इंसान अंधा हो जाता है. दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों की वजह से ही हमारे देश की बेटियों की बलि दे दी जाती है. वही आज के समाज में कुछ ऐसे महान नागरिक भी है जो समाज द्वारा चली आ रही दहेज प्रथा जैसी कुरीति को तोड़ते हुए बिना किसी दहेज के Shadi करते हैं.
1 रुपया लिया शगुन के तौर पर
कांग्रेसी नेता दिलबाग संडील ने एक ऐसा ही उदाहरण समाज में प्रस्तुत किया है. उचाना क्षेत्र निवासी दिलबाग संडील के बेटे सुखचैन संडील की शादी नरवाना हल्के के गुरनाम नैन की पुत्री एकता के साथ हुई है. इन दिनों सुखचैन की शादी काफी चर्चाओं में बनी हुई है. दिलबाग संडील बिजनेसमैन होने के साथ-साथ 95 एकड़ जमीन के भी मालिक हैं. इसके बावजूद भी उन्होंने अपने बेटे की होने वाली पत्नी के परिजनों से केवल 1 रूपया शगुन के तौर पर लिया.
बेटी होती है लक्ष्मी रूपेण
दिलबाग संडील नें विवाह में 1 रुपया दहेज लेकर मिसाल कायम की है. आज के समय में बहुत कम Family ही ऐसी होती है जो Shadi में केवल 1 रुपया शगुन के रूप में लेते हैं. यह शादी उन लोगों के लिए एक मिशाल है जो अपनी बहू से दहेज के लिए मारपीट करते हैं. दिलबाग का मानना है कि बेटी से बड़ा कोई धन नहीं होता. बेटी लक्ष्मी रूपेण होती है, इसकी बराबरी रुपयों- पैसों से नहीं की जा सकती.
रुपयों की बजाय संस्कारो से होती है पहचान
सुखचैन संडील ने कहा कि उनके पिता ने रिश्ते के समय ही लड़की के घरवालों से दहेज न लेने की बात कही थी. उसने बताया कि उसके लिए बड़े-बड़े परिवारों से रिश्ते आ रहे थे लेकिन उन्हें कोई अमीर लड़की नहीं, बल्कि पूरी तरह से संस्कारवान लड़की चाहिए थी. उन्होंने बताया कि उसके पिता का मानना था की बेटी से बड़ा कोई धन नहीं है, बेटी की पहचान रुपयों से नहीं बल्कि उसकी संस्कारों से होती है.