Jyotish: नींद में बोलने का अध्यात्म से होता है खास कनेक्शन, माना जाता है मृत परिजनों से संपर्क करने का प्रयास
ज्योतिष डेस्क :- आपने कई बार नींद में बोलने की समस्या के बारे में सुना होगा. बता दें कि यह वह स्थिति होती है जब व्यक्ति अपनी चेतना में नहीं होता और वह कुछ भी बड़बड़ा रहा होता है, परंतु उसे इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती. कई बार तो वह नींद की अवस्था में क्या बोल रहा है उसे इस बारे में भी नहीं पता होता. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार नींद में बोलने की की समस्या किसी शारीरिक खतरे की बात नहीं है, परंतु मानसिक रूप से यह व्यक्ति की परेशानी जाहिर करती है.
नींद में बोलने की समस्या का क्या है आध्यात्मिक पक्ष
नींद की अवस्था में बोलने पर कई विभिन्न अध्ययन भी किए गए हैं. इन अध्ययनों के अनुसार नींद में व्यक्ति 3 गुना ज्यादा नेगेटिव बातें करता है और 800 गुना ज्यादा किसी दूसरे को भला- बुरा कह रहा होता है. नींद में बोलने की समस्या उन लोगों को ज्यादा परेशान करती है, जो मानसिक समस्या का सामना कर रहे होते है. वहीं यदि इसके आध्यात्मिक पक्ष की बात की जाए, तो अध्यात्म की दुनिया में नींद में बोलने की समस्या को कंसीडर किया गया है. नींद में बोलने का संबंध आपके अवचेतन मन में चल रही बहुत सी बातों से होता है. यह समस्या मुख्य तौर पर आपके निजी जीवन को दर्शाती है. हम आपको बताएंगे कि नींद में बोलने को अध्यात्म में किस प्रकार डील किया जाता है.
तैयार है जीवन में आगे बढ़ने के लिए
यदि आप अपनी लाइफ में बहुत सारी प्लानिंग कर चुके हैं, परंतु आपको यह समझ नहीं आ रहा कि आप आगे कैसे बढ़े. आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि नींद में बोलना इस बात को दर्शाता है कि आप अपने जीवन में जहां फंसे हुए हैं, वहां से अब आगे निकलने का समय आ गया है. निकट भविष्य में आपको इससे संबंधित एक बेहतरीन अवसर भी मिलने वाला है.
मृत परिजनों से बातचीत करना
ऐसा माना जाता है कि मृत पूर्वजों से संपर्क करने में एक अच्छी नींद का बड़ा योगदान होता है. यह वह समय होता है जब आप ब्रह्मांड के दूसरे आयाम तक अपनी पहुंच बनाने में सफल हो सकते हैं. अध्यात्म के अनुसार इस समय आप किसी समस्या के समाधान हेतु या किसी सलाह के लिए अपने पूर्वजों से संपर्क साध सकते हैं.
कैसे निकाले अपनी भावनाओं को बाहर
जब आप नींद की अवस्था में होते हैं तब बहुत सारी भावनाए आपके अंदर चल रही होती है, जिसे आप बाहर नहीं निकाल पाते. अगर आपको लगता है कि ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है या आप खुद को उसके लिए सहज महसूस नहीं कर रहे होते. ऐसे में नींद के समय केवल आपका अवचेतन मन ही काम करता रहेगा. ऐसे में आप उन सभी बातों को कहने की कोशिश करेंगे जिन्हें अभी तक आप अपने अंदर रखे हुए थे.