Jyotish: पितृ दोष से बचने के लिए करे ये 5 उपाय,नहीं तो कई पीढ़ियों तक सताएगा दोष
इंसान के जीवन में आने वाली परेशानियों का मतलब सिर्फ पैसा ही नहीं होता है. इसका एक बड़ा कारण पितृ दोष भी हो सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ दोष लगने पर व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं. पितृ दोष न केवल उस व्यक्ति तक सीमित रहता है बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में काले तिल के कुछ उपायों से पितृ दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री News18 को बताते हैं कि, पुराणों के अनुसार, पितृ दोष उसी व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता बल्कि उसकी आने वाली सात पीढ़ियों को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए जिस व्यक्ति पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है. वहीं, इसके विपरीत पितरों के नाराज होने पर पितृ दोष का सामना करना पड़ता है.
अमावस्या या पितृ पक्ष के समय में जब आप पितरों को तर्पण दें तो जल में काला तिल जरूर मिलाएं. मान्यता है कि काले तिल यमराज को बेहद प्रिय हैं. ऐसा करने वाले लोगों से पितर खुश हो जाते हैं. इसके अलावा, जो पितर यम लोक में कष्ट भोगते हैं, उनको इससे राहत मिलती है और पितर का आशीर्वाद मिलता है
अर्यमा को पितरों का देव कहा जाता है. इसलिए अमावस्या या पितृ पक्ष के दौरान अर्यमा की पूजा करें और उनको काला तिल अर्पित करें. ऐसा करने से पितर खुश होते हैं. इसके अलावा वंश को देव अर्यमा और पितर दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पितृ पक्ष में इंदिरा एकादशी व्रत पितरों के लिए रखा जाता है. उस दिन श्रीहरि की पूजा में उन्हें काला तिल अर्पित करें. मान्यता है कि, तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु से हुई है. इसलिए तिल अर्पण के बाद विधिपूर्वक व्रत करें. इससे भगवान विष्णु और पितर दोनों ही प्रसन्न होंगे. हरि कृपा से पितरों को वैकुंठ की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य की मानें तो पितृ पक्ष के समय आप पूजा में काले तिल का उपयोग करते हैं तो कुंडली से त्रिग्रही दोष शांत होते हैं. काले तिल से राहु, केतु और शनि ये तीनों ग्रह शांत हो जाते हैं और इनका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.