रेवाड़ी न्यूज़

Kargil Vijay Diwas: हरियाणा के इस गाँव ने कारगिल युद्ध जितने में दिया था विशेष योगदान, आज तक 9 वीर सपूतों ने दी शहादत

रेवाड़ी, Kargil Vijay Diwas :- हरियाणा के रेवाड़ी जिले को वीर भूमि कहा जाता है. रेवाड़ी जिले के अंतिम छोर पर स्थित ऐतिहासिक आदर्श गांव नाहड़ को सैनिकों की खान के नाम से पहचाना जाता है.अहीरवाल की धरती के वीर सपूतों को जब भी राष्ट्र सेवा करने का मौका मिला उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी.  नाहड़ गांव के नौ वीर सपूत देश के लिए अपना बलिदान दे चुके है.

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अनेक युद्धों में वीरों ने दिखाई अपनी वीरता (Kargil Vijay Diwas)

First World War में सिपाही मौजी सिंह एवं रिसालदार शेर सिंह ने साहस दिखाते हुए शहादत दी. द्वितीय विश्व युद्ध में सिपाही भीम सिंह, सिपाही किशनलाल, गनर बदलूराम ने असीम साहस, कर्त्तव्यपरायणता एवं वीरता का परिचय देते हुए शहीद हो गए. आजादी मिलने के बाद 1947- 1948 में पाकिस्तान के काश्मीर पर आक्रमण का मुकाबला करते हुए बहादुर सिपाही श्योनारायण लांस नायक बुद्धराम देश के लिए नौछावर हो गए. 1962 के चीन-भारत युद्ध में रेजांगला पोस्ट पर दुनिया की सबसे खतरनाक लड़ाई में हवलदार ताराचंद यादव 18 हजार फीट की ऊंचाई पर वीरता से लड़ते हुए शहीद हो गए.

एक ही गांव से 9 जवान शहीद होना गर्व की बात 

1971 में बांग्लादेश मुक्ति अभियान के दौरान भारत- पाकिस्तान के युद्ध में पाकिस्तानी सेना को ढेर करते हुए लांस नायक जीतराम यादव दुश्मन की भारी गोलिबारी का सामना करते रहे और अंतिम सांस तक लड़ते रहे. एक ही गांव से नौ जवान शहीद होना अपने आप को गौरवान्वित करने वाला है. यह देखकर देश के नौजवानों को भी राष्ट्रभक्ति और देश सेवा के लिए प्रेरणा मिलती है. 1971 की लड़ाई को याद करके गांव नाहड़ के 79 वर्षीय सूबेदार मेजर जीतराम शर्मा का खून खौल उठता है. जब जम्मू कश्मीर में चकला गांव के आगे Pakistan की तरफ बढ़ते हुए उनकी कंपनी पर दुश्मन ने हमला बोला और इस हमले में उनकी आंखों के सामने 13 साथी बहादुर जवान शहीद हो गए.

डरकर पोस्ट छोड़कर भागे पाकिस्तानी सैनिक 

अपने जवानों की शहादत देखकर पांच Rajput Battalion का गुस्सा सातवें आसमान पर था और उन्होंने भी गोलीबारी की जिसमें सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. भारी नुकसान को देखकर पाकिस्तानी सैनिक Post छोड़कर भाग गए और भारतीय सैनिकों ने लहाली और नत्थू टीला पोस्ट पर अपना कब्जा कर लिया.

गांव में बने हैं शहीदों के स्मारक

इसके साथ-साथ हथियार प्रशिक्षण प्रशिक्षक के तौर पर सैन्य अधिकारी Training Academy चेन्नई मद्रास में सैकड़ों युवा सैन्य अधिकारियों को सैन्य प्रशिक्षण दे चुके है. गांव नाहड़ में शहीदों की स्मृतियों को लंबे समय तक याद रखने के लिए शहीद स्मारक बनाए हुए है, जिसमें शहीद हवलदार ताराचंद यादव एवं शहीद लांस नायक जीतराम यादव की मूर्तियां हैं.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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