Karnal News: वीरेंद्र और सुरेंद्र बने दोस्ती की मिसाल, 22 साल से कपड़ों से लेकर कारोबार तक सब एक जैसा
करनाल :- अक्सर आपने सुना होगा कि बचपन के दोस्त काफ़ी Special होते हैं. बचपन में कर कोई निस्वार्थ भाव से दोस्ती करता है. यही कारण है कि बचपन की दोस्ती सबसे प्यारी और गहरी होती है. यदि ये दोस्ती Lifetime के लिए हो तो फिर क्या कहना. हर किसी की जिंदगी में एक सच्चा दोस्त हर रिश्ते से ऊपर होता है. हालांकि ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनके बचपन के दोस्त पूरा जीवन उनका साथ निभाते हैं. धीरे धीरे जैसे-जैसे जिंदगी आगे बढ़ती है पुराने दोस्त पीछे छूटते जाते हैं.
दो दोस्तों की दोस्ती को हो चुके हैं 22 साल
फिर जिंदगी की भाग-दौड़ और जरुरतों में उलझकर यह प्यारा सा रिश्ता खत्म हो जाता है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जिंदगी भर एक दूसरे के साथ निभाते हैं. आज हम आपको पानीपत के भालसी गांव के वीरेंद्र और सुरेंद् के बारे में बता रहे हैं. इनकी बचपन की दोस्ती को 22 साल हो चुके है. यह दोनों जिगरी यार हैं. इनकी दोस्ती का रिश्ता इतना गहरा और प्यारा है कि आज हर कोई इनसे प्रेरणा लेता है. 41 साल के सुरेंद्र और 42 साल के वीरेंद्र की दोस्ती बेहद खास है.
लोग समझते हैं दोनों को सगे भाई
मतलौडा के गांव भालसी के सुरेंद्र और वीरेंद्र की दोस्ती ऐसी है कि दोनों आज भी एक ही जैसे कपड़े पहनते हैं. 22 साल से दोनों साथ ही रहते हैं. दोनों की पसंद भी एक ऐसी है. दोस्ती ऐसी है कि लोग समझ लेते हैं कि दोनों सगे भाई हैं. यही नहीं, इनकी दोस्ती की मिसाल पेश की जाती है. आपको बता दें कि दोनों सुबह से शाम तक एक साथ रहते हैं, एक जैसे कपड़े पहनते हैं और एक जैसे ही Phone रखते हैं.
राजनीति भी करते हैं एक साथ
सुरेंद्र नैन ने बताया कि वीरेंद्र नैन उनके गांव के दूसरे पाने से हैं. दोनों की दोस्ती छठी-सातवीं कक्षा में हुई थी, तभी से दोनों एक साथ रहते हैं. उनका खेती, Building मटेरियल और Real Estate का एक साथ Business है. अब वो राजनीति भी एक साथ ही करते हैं. वहीं, सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने 2016 में सरपंची का चुनाव लड़ा था उस वक़्त वीरेंद्र का सगे चाचा का लड़का भी सरपंची में उसके सामने खड़ा हो गया. इस वक्त भी वीरेंद्र ने उन्हीं की मदद की. 2022 में जिला परिषद का चुनाव भी दोनों ने एक साथ मिलकर ही लड़ा.