Khatu Shayam News: खाटूश्याम न जा पाने वाले भक्त न हो निराश, अब यहाँ से करें श्याम जी के दर्शन
भीलवाड़ा, Khatu Shayam :- स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की गर्मियों की छुट्टियां चल रही है. इन दिनों सभी विद्यार्थी और उनके परिजन घूमने फिरने में Busy है. वहीं कुछ परिजन अपने बच्चों को धार्मिक स्थानों पर घूमना ज्यादा पसंद करते हैं. इन दिनों रींगस में स्थित खाटू श्याम बाबा की लोकप्रियता काफी है. श्रद्धालु खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए दूर- दूर से पहुंच रहे हैं. यदि आप खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए रींगस स्थित खाटू श्याम मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं, आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मान्यता प्रसिद्ध खाटू श्याम बाबा मंदिर के समान ही है.
25 साल पहले हुआ था इस मंदिर का निर्माण
आज हम आपको भीलवाड़ा के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी स्थापना भीलवाड़ा के भक्तों द्वारा करवाई गई थी. इस मंदिर का निर्माण 25 वर्ष पहले खाटू श्याम के 5 भक्तों द्वारा मनोकामना पूरी होने के बाद करवाया गया था. इस मंदिर का निर्माण रींगस स्थित खाटू श्याम मंदिर की तर्ज पर करवाया गया है. भीलवाड़ा में बने श्री श्याम मंदिर में पूजा अर्चना बाबा खाटू श्याम की पूजा अर्चना के समान ही की जाती है. इतना ही नहीं श्री श्याम मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं भी पूरी होती है.
बड़े- बड़े कार्यक्रमों का किया जाता है आयोजन
श्रद्धालु राकेश काबरा और संजय विजयवर्गीय ने जानकारी देते हुए कहा कि इस मंदिर का निर्माण 5 श्रद्धालुओं के द्वारा उनकी मनोकामना पूरी होने के बाद करवाया गया था. इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष कई बड़े कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है. श्री श्याम मंदिर के पुजारी रूपम शुक्ला ने बताया कि इस मंदिर में भीलवाड़ा शहर के पास स्थित श्री श्याम मंदिर में पूरे दिन पूजा अर्चना की जाती है. खाटू श्याम बाबा मंदिर की तर्ज पर ही इस मंदिर की साज सजावट की जाती है.
प्रतिदिन दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालु
हरियाणा के लोग प्रतिदिन यहां पर बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं यहां आने से मन को शांति और सुकून मिलता है. श्याम बाबा के दर पर आने से मनुष्य की सभी मनोकामना पूरी होती है. मंदिर में दर्शन करने आई एक भक्त कामाक्षी ने बताया कि मैं यहां पर पिछले 2 महीने से प्रतिदिन दर्शन के लिए आ रही हूँ. उसने बताया कि वह पिछले काफी लंबे समय से खाटू श्याम बाबा के दर्शन करना चाह रही थी, परंतु खाटू श्याम बाबा मंदिर नहीं जा पा रही है. इसलिए वह यहां पर खाटू श्याम के दर्शन करने आती है.