Kainchi Dham: जाने कैंची धाम पर क्यों खिचे चले आते हैं देशी- विदेशी भक्त, जानने के बाद आप भी होंगे हैरान
उत्तराखंड :- उत्तराखंड की मनोरम एवं शांत वादियों के बीच स्थित बाबा नीम करोली से जुड़ा कैंची धाम अक्सर चर्चा में रहता है. इस पवित्र धाम पर हर दिन देशी और विदेशी भक्त बाबा के दरबार में आते है. बाबा के चमत्कार क़ो न केवल विराट कोहली और अनुष्का, बल्कि Apple के मालिक स्टीव जॉब्स, Facebook के मालिक मार्क जुकरबर्क तक महसूस कर चुके है और ये सब बाबा की देहली पर जाकर अपना मत्था टेक चुके हैं.
किशोरावस्था में ही बन गए साधु
ऐसे में आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा कि आखिर आस्था से जुड़े कैंची धाम में ऐसा क्या है जों हर कोई यहाँ आता है. आइए आपको बाबा नीम करोली के धाम का धार्मिक रहस्य बताते हैं. सनातन परंपरा से जुड़े सिद्ध संतों में से एक बाबा नीम करोली क़ो पुरानी मान्यता के अनुसार पवनपुत्र हनुमान का स्वरूप कहा जाता है . साधु बनने से पहले उनका नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. कहा जाता है कि किशोरावस्था में ही वे साधू बन गए. बाबा नीम करौली के सभी भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार ही मानते हैं.
1964 में हुई थी आश्रम की स्थापना
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि बाबा नीम करोली को हनुमान जी की चमत्कारी सिद्धियां मिली थीं और वे उन्हीं के माध्यम से अक्सर अपने भक्तों का उद्धार करते थे. वैसे बाबा नीम करोली ने देश में कई हनुमान मंदिर बनवाये थे. बाबा नीम करौली के कैंची धाम आश्रम की स्थापना 1964 में की गई थी, वह उत्तराखंड के नैनीताल जिले से केवल 17 km दूर अल्मोड़ा मार्ग पर पड़ता है. जबकि भवाली से यह मात्र 09 किमी दूर है और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से बाबा का आश्रम लगभग 36 किमी दूर स्थित है.
किए हैं कई चमत्कार
काठगोदाम कैंची धाम जाने के लिए सबसे Railway Station है. बाबा नीम करोली के अनेक चमत्कारिक किस्से मशहूर हैं. मान्यता है कि एक बार बाबा के पावन धाम में बन रहे भंडारे में अचानक से घी की कमी हो गई जिससे लोग चिंचित होने लगे. जब यह बात बाबा नीम करोली तक पहुंची तो उन्होंने अपने भक्तों से नदी से पानी भर कर लाने को कहा. मान्यता है कि बााब नीम करोली ने उस पानी को छुआ तो वह घी में बदल गया. कुछ ऐसे ही जब एक बार एक भक्त कड़ी धूप में निढाल पड़कर गिरने वाला था तब बाबा ने एकाएक से बादल की छतरी करदी और उसकी मंजिल तक पहुंचाने में सहायता की.
किताबों में भी चमत्कारों का उल्लेख
बताते है कि जब फेसबुक की हालत ठीक नहीं थी तो उसके मालिक मार्क जुकरबर्ग बाबा नीम करोली के आश्रम आए थे, जिसके बाद उनका कारोबार एक बार फिर तरक्की करने लगा. बाबा के ऐसे अनगिनत चमत्कारों के बारे में कई किताबों और लेखों में बताया गया है. आप ये लेख KhabriExpress.in पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.