जाने आर्मी कैंटीन में क्यों मिलता है सस्ता सामान, वजह जान हो जाएंगे हैरान
नई दिल्ली :- हमारे देश के जवान हर समय बॉर्डर पर खडे़ रहकर देश की रक्षा करते हैं. उन्ही की वजह से हम हमारे घरों में सुरक्षित महसूस कर पाते हैं. देश के वीर जवानों का बलिदान सराहनीय है ऐसे में सरकार की तरफ से भी हमारे देश की सरकार देश के वीर जवानों को कई ऐसी सुविधा दी जाती है.
आर्मी कैंटीन में मिलता है काफी सस्ता सामान
इन्ही सुविधाओं में से आपने आर्मी कैंटीन की सुविधा के बारे में पता होगा. आपने सुना होगा कि मार्केट में मिलने वाले सामान के मुकाबले यहां काफी कम रेट पर कोई भी सामान मिल जाता है. आप चाहें तो यहां से कार व बाइक भी खरीद सकते हैं, जिसमें आपको अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है. पर सवाल यह है कि आखिर आर्मी कैंटीन में मिलने वाला सामान कितना सस्ता है और क्या एक आम आदमी भी यहां से सामान खरीद सकता है. आज हम इस बारे में विस्तार से बात कर रहें है.
खरीद सकते हैं कोई भी सामान
जिसे आर्मी कैंटीन कहा जाता हैं, उन्हें वास्तविक में कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (Canteen Stores Department) कहा जाता है. यहां पर भारतीय सेना के जवानों व उनके परिवार वालों के लिए बहुत ही सस्ते दामों पर सामान मौजूद होता है. आर्मी कैंटीन में आप ग्रोसरी आइटम, किचन अप्लायंस, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, ऑटोमोबाइल और यहां तक कि शराब भी खरीद सकते हैं. यहां पर कई विदेशी आइटम भी मिलते हैं. पूरे देश में लेह से लेकर अंडमान एंड निकोबार तक आर्मी कैंटीन के कुल 33 डिपो हैं और 3700 के आसपास यूनिट रन कैंटीन्स हैं.
आखिर क्यों मिलता है यहां पर सस्ता सामान
अब अगर यह बात करें कि यहां पर आखिर सामान इतना सस्ता क्यों मिलता है तो आपको बता दें कि यहां पर मिलने वाले सामानों पर सेना को जवानों से हर एक आइटम पर सिर्फ 50 प्रतिशत टैक्स ही लिया जाता है. मान लीजिए कि आपको कोई सामान लेने पर 18% टैक्स देना पड़ता है, तो आर्मी कैंटीन में आपको वह आईटम 9% टैक्स के साथ ही मिल जाएगा. यहां पर मिलने वाले सामानों पर सिर्फ 50 प्रतिशत टैक्स लगने के कारण ही यहां सामान मार्केट के अपेक्षा सस्ते मिलते हैं.
कैंटीन कार्ड से कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है सामान
आर्मी कैंटीन से कार्ड से कोई भी व्यक्ति कितना भी सामान खरीद सकता था. ऐसे में आर्मी बैग्राउंड वाले लोगों के रिश्तेदार व दोस्त भी यहां सामान खरीद सकते हैं. इसी को देखते हुए कैंटीन में मिलने वाले समानों पर लिमिट लगाई गई है . जिसके बाद एक व्यक्ति हर महीने एक लिमिट में ही सामान खरीद पाता है.