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मजदूर के बेटे ने कराटे चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल, गाँवो और जिले में खुशी का माहौल

समस्तीपुर:- जिले के विद्यापति नगर प्रखंड क्षेत्र के राजकुमार भगत के बेटे जयप्रकाश ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जो आजकल चर्चा का विषय बन गया है. जयप्रकाश ने मुंबई में आयोजित सीनरी ओपन चैलेंज में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल अपने परिवार, बल्कि समस्तीपुर जिले और बिहार का नाम रोशन किया है. जयप्रकाश के पिता राजकुमार भगत, जो अपने परिवार की आजीविका के लिए गांव-गांव घूमकर गैस चूल्हा और प्रेशर कूकर ठीक करने का काम करते हैं, उन्होंने ने अपने बेटे के लिए कभी भी सपनों की कमी नहीं होने दी. जयप्रकाश ने इस कठिन संघर्ष के बावजूद कराटे में अपनी रुचि को बनाए रखा और इस खेल में कई पुरस्कार अपने नाम किए.

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दसवीं की पढ़ाई के बाद ही कराटे सीखने का किया था प्रैक्टिस
बता दें कि बचपन से ही कराटे में रुचि रखने वाले जयप्रकाश ने बढ़ौना हाई स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कराटे में बेहतर प्रशिक्षण लिया. पहले गया, रांची और दिल्ली जैसी जगहों पर प्रतियोगिताओं में भाग लिया और सफलता हासिल की. अब वह पटना में युवाओं को कराटे की ट्रेनिंग देते हैं. जयप्रकाश की सफलता पर उनके गांव सिमरी में खुशी का माहौल है और कई स्थानीय लोगों ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने जयप्रकाश के उज्जवल भविष्य की कामना की है. इस उपलब्धि से जयप्रकाश ने यह साबित कर दिया है कि अगर आत्मविश्वास हो और सही मार्गदर्शन मिले, तो किसी भी स्थिति में सफलता हासिल की जा सकती है. समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर प्रखंड क्षेत्र के जयप्रकाश ने मुंबई में आयोजित सीनरी ओपन चैलेंज में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल अपने परिवार का, बल्कि समस्तीपुर जिले और बिहार का नाम रोशन किया.

पिता गांव-गांव घूमकर बनाते थे गैस-चूल्हा
इस सफलता पर लोकल 18 से बातचीत करते हुए, जयप्रकाश ने अपने संघर्ष और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया. जयप्रकाश ने कहा कि हमारे पिताजी आजीविका के लिए गांव-गांव घूमकर गैस चूल्हा और प्रेशर कुकर बनाने का काम करते हैं. हमारे पास जो घर है, वह बहुत पुराना और जर्जर हालत में है. बचपन से ही मैंने सोचा था कि कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे मेरे परिवार का जीवन बेहतर हो सके. उन्होंने बताया कि शुरुआत में मऊ धनेशपुर के धनंजय सर के घर पर ही प्रैक्टिस की, क्योंकि उस क्षेत्र में प्रैक्टिस करने के लिए कोई जगह नहीं थी. लेकिन कुछ दिनों बाद जब उन्होंने प्रैक्टिस का विज्ञापन दिया, तो धीरे-धीरे कुछ स्टूडेंट्स जुड़ने लगे.

अलग-अलग प्रतियोगिताओं में लिया भाग
इसके बाद उनका प्रैक्टिस दलसिंहसराय के भाव होटल में शुरू हुआ. जयप्रकाश ने आगे Local 18 को बताया कि प्रैक्टिस करने के बाद हमें रांची, दिल्ली जैसे स्थानों पर होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए चयन किया गया. मैंने उनमें भाग लिया और सफलता प्राप्त की. फिर मुंबई में आयोजित सीनरी ओपन चैलेंज में भाग लेने का मौका मिला और वहां हमने गोल्ड मेडल जीता. मुंबई में हुए इस चैंपियनशिप में 15 अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी भाग ले रहे थे. जयप्रकाश ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता. यह प्रतियोगिता 28 और 29 दिसंबर को आयोजित की गई थी.

Parbhat Singh

प्रिय पाठको मेरा नाम प्रभात कुमार है. मैं जनवरी 2023 से KhabriExpress.in पर वेब स्टोरी बनाता हूँ. मुझे वेब स्टोरी बनाना बेहद पसंद है. मुझे विश्वास है की मेरे दवारा बनाई गई वेब स्टोरीज आपको अच्छी लग रही होंगी.

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