Land Buying Tips: तो ऐसे होती है एक ही जमीन की दो- दो रजिस्ट्री! इस डॉक्यूमेंट से बन पाओगे पक्के मालिक, सौदा करने से पहले जरूर देखें
नई दिल्ली :- आजकल हर चीज में धोखाधड़ी हो रही है. हर व्यक्ति बस लाभ कमाना चाहता है चाहे वह किसी भी प्रकार से हो. आजकल एक ही जमीन पर दो-दो, तीन-तीन रजिस्ट्री के Case काफ़ी देखने को मिल रहे हैं. दिन प्रतिदिन इस तरह के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. यदि आपके साथ इस प्रकार की कोई धोखाधड़ी होती है तो आपके पास मात्र Court का सहारा बचता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके साथ ऐसा कुछ न हो तो आपको सावधान रहना चाहिए.
सभी दस्तावेजों को करें चेक
कोई भी जमीन खरीदने से पहले आपको सभी Documents को अच्छे से चेक करना चाहिए. वैसे तो जमीन के Legal दस्तावेज के रूप में रजिस्ट्री को ही मान्यता प्राप्त है फिर भी सबसे ज्यादा गोलमाल इसी में हो रहा है. आपके साथ ऐसा कुछ नहीं हो इसीलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी जानकारी लाए हैं जिससे आपको तुरंत पता चल जाएगा कि वह स्थान कितने लोगों के नाम पर Registered है.
शहर में मिलते हैं ज्यादा फर्जी रजिस्ट्री के मामले
जब भी आप या आपका कोई जान पहचान वाला जमीन या मकान खरीदने का विचार करें तो उन्हें इस बारे में जरूर पता होना चाहिए. जिससे की वह इस तरह के Fraud का शिकार न बने. इस कड़ी में सबसे पहले ये जानते है कि एक ही जगह की 2-3 रजिस्ट्री कैसे बन जाती है. जमीन खरीदने से पहले आपको ध्यान रखना चाहिए कि गांव और शहर में जमीन की रजिस्ट्री अलग-अलग प्रकार से होती है. गांव की तुलना में शहर में फर्जी रजिस्ट्री के मामले ज्यादा आते है. शहरों में कई बार Seller बड़ी जमीन को खरीदकर उसकी प्लॉटिंग करते हैं.
2 से 3 महीने के अंदर कराना होता है दाखिल खारिज
बस यहीं से फर्जीवाड़े की शुरुआत होती है. जमीन की रजिस्ट्री के बाद सबसे अहम काम दाखिल खारिज यानी नामंतरण कराना होता है. यह काम रजिस्ट्री के 2 से 3 महीने के अंदर हो जाना चाहिए. चूंकि, जमीन के पहले खरीदार ने दाखिल खारिज नहीं कराया होता है, इसलिए उसके खतौनी में पुराने Owner का नाम ही चढ़ा होता है. अब दूसरे खरीदार को वही जमीन दिखाकर फिर से बेच दी जाती है और उसके दाखिल खारिज कराने से पहले ही किसी तीसरे और चौथे व्यक्ति के नाम पर भी उसकी रजिस्ट्री कर पैसा ले लिया जाता है. जब भी कोई Builder कोई जमीन खरीदता है तो उसकी एक गाटा संख्या होती है.
ऑनलाइन सुविधा से ले सकते हैं खतौनी
बिल्डर जमीन को भले ही कितने टुकड़ों में वितरित कर दें, उसका गाटा संख्या एक ही होती है. उदाहरण के लिए 20 प्लॉट्स का नंबर तो अलग-अलग होगा, मगर इन सभी प्लॉट का गाटा नंबर एक ही रहेगा. खरीदार गाटा नंबर से खतौनी Check कर सकते हैं. पहले जब हमें खतौनी चाहिए होती थी तब राजस्व विभाग में जाना होता था, मगर अब ये सुविधा Online कर दी गई है. राजस्व विभाग ने भूअभिलेख से सम्बंधित जानकारी ऑनलाइन माध्यम से मुहैया करवा दी है.
जमीन खरीदते वक्त रहें सावधान
ऐसे में जब भी आप कोई प्लॉट या जमीन खरीदे तो उसे खरीदने से पहले उसकी खतौनी लीजिए और रजिस्ट्रार Office में जाकर यह मालूम कीजिए कि यह जमीन किसी को बेची गई है अथवा नहीं. इसके अलावा जैसे ही जमीन की रजिस्ट्री कराएं, तय समय के बाद उसकी दाखिल खारिज अवश्य कराएं. इससे गाटा संख्या और खतौनी में आपका नाम Record हो जाएगा और आपके साथ कोई भी धोखाधड़ी नहीं होगी.