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लोन लेने वालों की बल्ले बल्ले, 1 अप्रैल से कितने रुपए कम हो जाएगी EMI

नई दिल्ली :-  फरवरी की शुरुआत में रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से रेपो रेट में 25 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती की गई थी. इसके बाद रेपो रेट 6.5 प्रत‍िशत से घटकर 6.25 प्रत‍िशत पर आ गया था. अब क्र‍िस‍िल (CRISIL) की र‍िपोर्ट में संभावना जताई गई है क‍ि आने वाले नए फाइनेंश‍ियल ईयर 2025-26 में रेपो रेट 50-75 बेसिस प्‍वाइंट (bps) तक कम क‍िया जा सकता है. इसका मकसद खपत को बढ़ावा देना और लोन पर ब्‍याज दर को कम करना है. CRISIL India Outlook 2025 की रिपोर्ट में इस बारे में जानकादी दी गई.

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RBI

ब्याज दर में कमी से क्या फायदा होगा?

क्र‍िस‍िल (CRISIL) की रिपोर्ट के अनुसार ब्याज दर में कमी से आम लोगों के लिए लोन सस्ते होंगे, जिससे वे ज्‍यादा खर्च कर पाएंगे. इस बदलाव से धीरे-धीरे पूरी इकोनॉमी पर असर पड़ेगा और उधारी की लागत (borrowing costs) कम होगी. फरवरी 2025 में आरबीआई ने पांच साल में पहली बार रेपो रेट में 25 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती की थी. इससे पहले, र‍िजर्व बैंक ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 250 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी. यह‍ कदम महंगाई पर काबू पाने के ल‍िए उठाया गया था.

महंगाई 4% के दायरे में लाने की कोशिश 

अप्रैल 2023 से रेपो रेट 6.5% पर स्थिर बना हुआ था. इससे महंगाई दर को मध्यम अवधि के 4% के टारगेट में लाने की कोशिश की जा रही थी. अब 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए फाइनेंश‍ियल ईयर 2025-26 में 50-75 bps की संभावित कटौती से इकोनॉम‍िक ग्रोथ को रफ्तार देने की योजना बनाई जा रही है. CRISIL रिपोर्ट के अनुसार, अगले फाइनेंश‍ियल ईयर में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए सरकार और RBI दोनों मिलकर काम करेंगे. ब्‍याज दर में कटौती से क्‍या-क्‍या फायदा होगा, आइए जानते हैं-

कैश फ्लो बढ़ने से जीडीपी को सपोर्ट म‍िलेगा

ब्याज दरों में कटौती से खपत और निजी निवेश में वृद्धि होगी. इससे बाजार में कैश फ्लो (liquidity) बढ़ेगा और जीडीपी को सपोर्ट म‍िलेगा. ब्‍याज दर में कमी से सरकार ने 2025-26 के बजट में कैप‍िटल एक्‍सपेंडीचर (capital expenditure) को 10.1% तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सरकारी योजनाओं में इनवेस्‍टमेंट बढ़ेगा. इसके अलावा सरकार ने वित्तीय घाटे को FY25 के 4.8% से घटाकर FY26 में 4.4% तक लाने का लक्ष्य रखा है. इससे सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और निवेशकों का भी व‍िश्‍वास बढ़ेगा.

ग्‍लोबल र‍िस्‍क और इंड‍ियन इकोनॉमी पर असर

क्र‍िस‍िल (CRISIL) की रिपोर्ट में बताया गया कि ग्‍लोबल अनिश्चितताएं इंड‍ियन इकोनॉमी के लिए चुनौती बनी रह सकती है. ग्‍लोबल मार्केट में अस्थिरता (volatility) से भारत के निर्यात पर असर पड़ सकता है. विदेशी निवेशक जोखिम भरे बाजारों से दूरी बना सकते हैं और प्राइवेट सेक्‍टर का निवेश प्रभावित हो सकता है. हालांकि, देश की इकोनॉमी स्थिर विकास दर बनाए रखेगी, क्योंकि घरेलू मांग और सरकारी नीतियां इसे सहारा देंगी.

महंगाई दर में कमी की उम्मीद

CRISIL की रिपोर्ट में कहा गया कि FY26 में महंगाई दर और कम हो सकती है. रबी फसलों की बुवाई 1.5% बढ़ी है, जिससे खाद्य आपूर्ति बेहतर होगी. कच्चे तेल (crude oil) की कीमतों में और गिरावट की संभावना है. FY26 में तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल रह सकती हैं. यह FY25 के 78-83 डॉलर प्रत‍ि बैरल के मुकाबले कम है.

Author Deepika Bhardwaj

नमस्कार मेरा नाम दीपिका भारद्वाज है. मैं 2022 से खबरी एक्सप्रेस पर कंटेंट राइटर के रूप में काम कर रही हूं. मैंने कॉमर्स में मास्टर डिग्री की है. मेरा उद्देश्य है कि हरियाणा की प्रत्येक न्यूज़ आप लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच जाए. मैं हमेशा प्रयास करती हूं कि खबर को सरल शब्दों में लिखूँ ताकि पाठकों को इसे समझने में कोई भी परेशानी न हो और उन्हें पूरी जानकारी प्राप्त हो. विशेषकर मैं जॉब से संबंधित खबरें आप लोगों तक पहुंचाती हूँ जिससे रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.

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