Mandi Bhav: आलू के दाम कम होने से परेशान हुए किसान, 6 रूपए किलो भी नहीं हो रही बिक्री
बिज़नेस डेस्क :- इस बार आलू की बंपर फसल होने के कारण आलू के दाम नीचे गिर गए हैं. आलू के दामों में आई इस कमी के कारण किसानों को उनकी फसल का सही भाव नहीं मिल पा रहा है.ऐसे में किसानो ने फैसला लिया है कि वह आलू को बचेंगे नहीं अपितु Cold Storage House में Store करेंगे. इस कारण अब Cold Storage House में भी जगह की किल्लत हो गई है.
आलू के दाम में आई भारी गिरावट
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सबसे ज्यादा आलू की खेती की जाती है. यह जिला भारत देश का सबसे ज्यादा आलू उत्पादन करने वाले जिलों में से एक है. यहाँ एक ओर किसान आलू के दामों में कमी आने के कारण परेशान है, वहीं दूसरी तरफ आलू को Store करके रखने के लिए उन्हें Cold Store House में जगह की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है.
नहीं मिल रहे आलू के खरीदार
एक स्थानीय किसान राजेश सिंह ने बताया है कि उनके पास 250 बीघा जमीन है.अपनी सारी जमीन पर वह आलू की खेती करते हैं. इस बार उनकी आलू की फसल बहुत अच्छी हुई थी. परंतु अधिक उपज होने के कारण आलू के दाम नीचे गिर गए हैं. उनका कहना है कि उन्हें 50 किलो यानी एक बोरी आलू के लिए केवल 300 या 350 रूपये ही मिल रहे है. ऐसे में मुनाफा कमाना तो दूर है उनका खर्चा भी नहीं निकल रहा है. ऐसे में किसानों को उनके आलू बेचने के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.
किसानों की आय घटी
किसान राजेश सिंह ने बताया कि आलू की कीमतों में गिरावट आने के बाद अब किसान सारा आलू Cold Storage House में रख रहे हैं. ताकि जब आलू के दाम बढ़े तो वह अपनी फसल बेच सकें. परंतु इससे भी स्थिति बिगड़ रही है. सभी किसानों के आलू रखने के लिए Cold Storage House में जगह कम पड़ रही है. किसानों का सरकार पर आरोप है कि वह आलू उत्पादकों के प्रति बिल्कुल ही बेखबर है. सरकार ने कहा था कि वह किसानों की आय दुगनी करेगी, परंतु यहां तो किसानों की आय घटती नजर आ रही है.
विपक्ष ने विधानसभा में भी उठाया मुद्दा
विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया है. हाथरस जिले की सादाबाद सीट से आरएलडी विधायक प्रदीप चौधरी फसलों की तरह ही आलू के MSP मूल्य की भी मांग की है. विधायक ने कहा कि आलू की ज्यादा उपज होने के कारण आलू की कीमतें कम हो गयी है. ऐसे में किसानो को आलू के खरीददाऱ नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है. अतः सरकार को आलू का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करके उसकी बिक्री सुनिश्चित करनी चाहिए. ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य प्राप्त हो सके.किसान समृद्धि प्रभाग के अधिकारी ऋषि कुमार जयसवाल ने कहा कि वह आलू किसानों की समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं. आलू की बंपर उपज होने के कारण उसकी कीमतों में गिरावट आ गई है.