Martyrs Temple In Haryana: हरियाणा में 23 साल पहले बने इस मंदिर में नहीं होती भगवान की पूजा, फिर भी लगता है सुबह शाम तांता
अंबाला :- हिंदू धर्म में प्राचीन समय से ही देवी देवताओं का पूजा जाता रहा है. हमारे देश में बहुत सारे बड़े- बड़े मंदिर व मस्जिदों का निर्माण किया गया है. प्राचीन मान्यता अनुसार देवी देवता मनुष्य के ऊपर आने वाले दुखो से बचाते हैं, उन्हें हर मुसीबतों से बाहर निकालते हैं. जहां लोग बड़े- बड़े मंदिरों मस्जिदों में देवी देवताओं के दर्शनो के लिए जाते हैं. वही हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां पर भगवान की बजाय अमर शहीदों की पूजा आराधना की जाती है.
यहां की जाती है अमर शहीदों की पूजा
आपको लग रहा होगा क्या ऐसा भी कोई मंदिर हो सकता है जहां भगवान की बजाय अमर शहीदों की पूजा की जाती है. तो ऐसा ही है यमुना के किनारे गांव गुमथला में यह Temple स्थित है. इस मंदिर का नाम ऐसा है जिसे सुनकर शहीदों की Memory ताजा हो जाती हैं. इस मंदिर का नाम इंकलाब मंदिर है. इस मंदिर में अन्य मंदिरों की भांति पूजा अर्चना नहीं की जाती, यहां पर शहीदों की आरती की बजाय देश भक्ति के तराने गूंजते हैं. इसके अलावा यहां पर शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है साथ ही शहीदों के अमर रहने के नारे लगाए जाते हैं.
शहीद फिल्म से हुए काफी प्रभावित
एंटी करप्शन Society के अध्यक्ष और इस मंदिर के संस्थापक अधिवक्ता वरयाम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह 10वीं Class में थे तो उस समय उन्होंने शहीद फिल्म देखी थी. इस फिल्म से वह काफी प्रभावित हुए और उनके मन में ख्याल आया कि जैसे मंदिरों में देवी देवताओं की पूजा होती है वैसे ही अमर शहीदों के लिए भी एक मंदिर होना चाहिए. जहां पर अमर शहीदों की भी देवी देवताओं की भांति पूजा अर्चना हो. तब वर्ष 2000 में इस मंदिर की स्थापना की गई. आज मंदिर को बने पूरे 23 साल हो चुके हैं, यहां पूरे विधि विधान से प्रतिदिन अमर शहीदों की पूजा अर्चना की जाती है.
मंदिर में आ चुके शहीदों के वशज
वरयाम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इंकलाब मंदिर में वीर शहीदों की शहीदी दिवस पर छुट्टी, उनके चित्रों के कलैंडर और सिक्के जारी करवाने का मिशन शुरू किया था जोकि पूरा हो चुका है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर लगातार युवा जुड़ रहे हैं, ताकि वीर शहीदों के सपनों के भारत का निर्माण हो सके. उन्होंने बताया कि शहीद उधम सिंह जी, शहीद भगत सिंह जी और शहीद मंगल पांडे के पारिवारिक सदस्य भी इस मंदिर में आ चुके हैं.