MDU यूनिवर्सिटी ने छात्रों को दिया बढ़ा झटका, पांच गुना तक बढ़ाई फीस
रोहतक :- हरियाणा के रोहतक में स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) ने स्नातक कोर्स में प्रवेश का प्रॉस्पेक्टस जारी किया है। नए सत्र से एनईपी (नई शिक्षा नीति) के अंतर्गत नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। कोर्स की लागत भी पांच गुना बढ़ी है। स्नातक कोर्स अब तीन वर्ष की जगह चार वर्ष में पूरा होगा। MDU के विद्यार्थी संगठन महंगी शिक्षा को लेकर आक्रोशित हैं। ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) ने इस मामले में फीस वृद्धि की घोर निंदा की है। साथ ही संगठन ने इसके खिलाफ संघर्ष करने की चेतावनी दी है।
B.A की फीस 30,660 रुपये
एमडीयू ने बीकॉम और बीएससी की फीस 8592 से 40,660 रुपये और बीए की फीस 8522 से 30,660 रुपये कर दी है, आईडीएसओ के प्रदेश सचिव उमेश मौर्य ने बताया। यह एकमात्र कोर्स नहीं है जिसकी लागत बढ़ी है। प्रॉस्पेक्टस में चार से पांच गुना तक बढ़ाई गई कीमतों वाले अतिरिक्त पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। यह विद्यार्थियों को फीस वृद्धि के नाम पर धोखा देता है। यह आम परिवारों के बच्चों के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे बंद करने की तरह है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के निर्देश पर एमडीयू प्रशासन ऐसे अपराध कर रहा है। यह फीस वृद्धि निश्चित रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षा के अधिकार को कम करती है।
स्नातक की अवधि तीन वर्ष से चार वर्ष
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, स्नातक की अवधि तीन वर्ष से चार वर्ष कर दी गई है, आईडीएसओ के प्रदेश सचिव ने बताया। यह कदम बड़े कॉर्पोरेट घराने का मुनाफा सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है, साथ ही फीस में वृद्धि और चार साल की ग्रेजुएशन शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा देने के लिए। शिक्षा में यह बदलाव शिक्षा को विश्वव्यापी बाजार में खरीद-फरोख्त की वस्तु बनाकर अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया है।
Delhi University में चार वर्षीय स्नातक कोर्स का परीक्षण फेल
Delhi University में चार वर्षीय स्नातक कोर्स का परीक्षण फेल हो गया है। कर्नाटक सरकार ने कुछ दिन पहले ही चार वर्षीय स्नातक कोर्स को वापस लिया है। इसके बावजूद, यहां सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इसे लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2019 से ही AICSO राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ देश भर में आंदोलन कर रहा है। आज शिक्षा और विश्वविद्यालय खतरे में हैं। इसे बचाना चाहिए।