MSME Payment Rule: आज से सरकार ने लागू किया ये बड़ा नियम, अब 45 दिन में मिलेगी MSME पेमेंट
नई दिल्ली, MSME Payment Rule :- कल से अप्रैल महीने की शुरुआत हो चुकी है. अप्रैल महीने के शुरू होने के साथ-साथ ही नया वित्त वर्ष भी शुरू हो गया है. नए वित्त वर्ष के आगाज के साथ अलग-अलग Sector में कई नियम बदल गए हैं. इन्हीं में से एक माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज सेक्टर (MSME) भी है. एमएसएमई सेक्टर के पेमेंट नियमों में कल से बड़ा बदलाव हो चुका है. अब MSME को Payment 45 दिन में प्राप्त होगा.
45 दिन में पेमेंट न करने पर मान लिया जाएगा Income
यदि कोई कंपनी 45 दिन में गुड्स या सर्विस सप्लाई का पेमेंट करने में कामयाब नहीं रही तो इस रकम को उसकी आय मान लिया जाएगा और उसे Tax चुकाना पड़ेगा. यह नियम एमएसएमई के Cash संकट को दूर कर उन्हें बहुत फायदा पहुंचा सकता है. नए नियमों के मुताबिक यदि कोई बड़ी कंपनी एमएसएमई को लिखित एग्रीमेंट के तहत 45 दिन में पेमेंट नहीं करेगी तो वह अपनी Income में से इस रकम को खर्च के तौर पर नहीं दिखा पायेगी. Payment न करने पर यह रकम कंपनी की कमाई मान ली जाएगी और उसे 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
नया नियम MSME Sector के लिए Game Changer
फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज (FISME) ने इस फैसले का स्वागत किया है. साथ ही नए पेमेंट नियम को एमएसएमई सेक्टर के लिए गेम चेंजर कहा है. हालांकि, इस नियम को लेकर कुछ एमएसएमई को कुछ दुविधा भी है. उनका कहना है कि नया पेमेंट नियम लागू होने के बाद बड़े खरीदार उनके स्थान पर किसी और से खरीदारी करने लगेंगे. नियमों के अनुसार, इन नियम से केवल उन्हीं एमएसएमई को लाभ होगा, जो उद्यम (Udyam) में रजिस्टर्ड हैं.
New Rule से आएगा Financial Discipline
उद्यम में रजिस्टर्ड कारोबारियों ने आशंका जताई है कि नए नियम से बचने के लिए बड़ी कंपनियां गैर रजिस्टर्ड एमएसएमई से अधिक कारोबार करने लगेंगे. इसी साल फरवरी में कई राज्यों के उद्योग संगठनों ने इस नियम को अप्रैल, 2025 से लागू करने की मांग की थी. फिस्मे की ओर से कहा गया है कि छोटे कारोबारियों को घबराने की जरूरत नहीं है. बड़ी कंपनियां अपने भरोसेमंद सप्लायर की जगह नए लोगों को अवसर देने से पहले 1000 बार सोचेंगी. सिर्फ Late पेमेंट करने के लिए वो अपने कारोबार को खतरे में नहीं डालेंगी. ये आभासी डर है. नए नियम से वित्तीय अनुशासन आएगा.